Forensic Investigation: जिन अपराधों में 6 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान; अब उसके लिए अनिवार्य होगा ये काम! सरकार का ऐलान
Amit Shah NFSU Speech: अमित शाह ने कहा, केंद्र सरकार इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट में बदलाव करने जा रही है, क्योंकि किसी ने भी स्वतंत्रता मिलने के बाद इन कानूनों को भारतीय परिप्रेक्ष्य में नहीं पाया.
Forensic Investigation: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने दोषसिद्धि दर को विकसित देशों से भी अधिक करने और क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को फॉरेंसिक साइंस जांच से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. गांधीनगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) के दीक्षांत समारोह में शाह ने कहा कि सरकार का टारगेट छह साल से ज्यादा सजा वाले अपराधों के लिए फॉरेंसिक जांच को 'अनिवार्य व कानूनी' बनाना है.
'कानूनी ढांचा होगा तैयार'
उन्होंने कहा कि सरकार देश के सभी जिलों में फॉरेंसिक जांच सुविधा उपलब्ध कराएगी और यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा कि जांच की स्वतंत्रता एवं निष्पक्षता बनी रहे. शाह ने कहा, 'केंद्र सरकार इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (सीआरपीसी) और एविडेंस एक्ट में बदलाव करने जा रही है, क्योंकि किसी ने भी स्वतंत्रता मिलने के बाद इन कानूनों को भारतीय परिप्रेक्ष्य में नहीं पाया.'
एक्सपर्ट्स से ले रहे राय
शाह ने आगे कहा, 'स्वतंत्र भारत में इन कानूनों को फिर से बनाने की जरूरत है. इसलिए, हम आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव के लिए कई लोगों से राय ले रहे हैं.' केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'इसके तहत हम छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फॉरेंसिक जांच के प्रावधान को अनिवार्य और कानूनी बनाने जा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि इसके लिए बड़ी संख्या में फॉरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों की जरूरत होगी. शाह ने कहा कि एनएफएसयू से ग्रेजुएट करने वाला कोई भी छात्र नौकरी से वंचित नहीं रहेगा.
सरकार ने सेट किया ये लक्ष्य
उन्होंने कहा कि सरकार ने फॉरेंसिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, फॉरेंसिक एक्सपर्ट तैयार करने, फॉरेंसिक टेक्नोलॉजी देने और फॉरेंसिक रिसर्च को बढ़ावा देने का काम किया है ताकि देश को फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में टॉप पर पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा, 'हम इसके आधार पर देश के फॉरेंसिक साइंस क्षेत्र को मजबूत करना चाहते हैं. इन चार क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों में काफी काम किया गया है.'
'भारत बनेगा इन क्षेत्रों में ग्लोबल सेंटर'
शाह ने इस मौके पर एनएफएसयू में डीएनए फॉरेंसिक सेंटर, साइबर सिक्योरिटी सेंटर और सेंटर फॉर इन्वेस्टिगेशन एंड फॉरेंसिक साइकोलॉजी का भी उद्घाटन किया. उन्होंने कहा 'ये तीन केंद्र एजुकेशन और ट्रेनिंग के अलावा रिसर्च एंड डेवेलपमेंट के बड़े केंद्र भी होंगे... मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि रिसर्च एंड डेवेलपमेंट और विकास के क्षेत्र में नई यात्रा के साथ, भारत इन तीन क्षेत्रों में फॉरेंसिक साइंस का ग्लोबल सेंटर बन जाएगा.'
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