आतंकवाद पीड़ितों की मदद के लिए मोदी सरकार की नई पहल, ऐसे मिलेगा MBBS-BDS में दाखिला
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के आवंटन के बारे में बताया है. केंद्र सरकार ने बताया कि ये येजना केंद्र पूल की ओर से आंतकी हमलों का शिकार हुए पति-पत्नी और बच्चों के लिए है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय पूल के तहत आतंकवादी हमलों के पीड़ितों से आवेदन मांगे हैं. ये आवेदन मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स करने के लिए हैं.
NEET परीक्षा ही होगा आधार
राज्य सरकारों से बातचीत के दौरान गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के आवंटन के बारे में बताया है. केंद्र सरकार के मुताबिक ये योजना केंद्र पूल की ओर से आंतकी हमलों का शिकार हुए पति-पत्नी और बच्चों के लिए है. इसके साथ ही ये भी स्पष्ट किया गया कि इसके लिए कोई अलग परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. NEET परीक्षा में आए अंकों के आधार पर ही छात्रों का चयन किया जाएगा. इसके साथ ही अनिवार्य शिक्षा योग्यता भी आवश्यक है.
केंद्र सरकार करेगी इस योजना का प्रचार
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी हमले में मारे गए व्यक्ति के बच्चे या पति-पत्नी इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, 'राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश इस योजना का आवेदन आमंत्रित करते समय व्यापक प्रचार करें, ताकि योग्य उम्मीदवारों को इसकी जानकारी मिल सके.'
क्या होगी आवेदन की प्रक्रिया
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा गया है कि वे अपने राज्यों से उम्मीदवारों का आवेदन भेजें. जिसमें सभी जरूरी दस्तावेजों की डुप्लीकेट कॉपी भी लगी हो. इसके साथ ही दस्तावेजों का सत्यापन या प्रमाणीकरण भी किया जाए. इन सभी दस्तावेजों पर अधिकारी के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं. ये पूरी प्रक्रिया NEET-UG 2020 परीक्षा के परिणामों की घोषणा के बाद 15 दिनों के भीतर पूरी करके मंत्रालय को भेजना है.
कहां भेजना है आवेदन
सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन की स्कैन की गई प्रतियां दिए गए ई-मेल (rajiv.Kumar67@nic.In ) पर भेजी जानी चाहिए. इसके अलावा स्पीडपोस्ट या रजिस्टर्ड पोस्ट नीचे दिए गए पते पर किया जा सकता है. पता है - राजीव कुमार, अवर सचिव (सीटी-द्वितीय), कमरा नंबर 81, उत्तरी ब्लॉक, नई दिल्ली - 110001.
इन लोगों को मिलेगा लाभ
एमबीबीएस (MBBS) और बीडीएस (BDS) सीटों के केंद्रीय पूल के लाभार्थियों में वे राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं, जहां अच्छी चिकित्सा शिक्षा की सुविधा नहीं है. इसके तहत ऐसे परिवारों के बच्चों को लाभ मिलेगा, जहां माता-पिता, माता-पिता में से कोई एक या परिवार का कोई सदस्य आतंकवादी हमले में मारा गया या क्रॉस फायरिंग का शिकार हुआ हो.
इस योजना से खास तौर पर उन बच्चों को फायदा मिलेगा, जो मुख्य रूप से आतंकवादी गतिविधियों वाले क्षेत्रों में जोखिम भरा जीवन जी रहे हैं. कई ऐसे परिवार है जो आतंकी संगठन की हिट लिस्ट में शामिल हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही कश्मीर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए पलायन कर गए परिवार, जिन्होंने अपना रोजगार और जीविका का साधन खो दिया उन्हें भी इस योजना से फायदा होगा. ये सभी लोग केंद्रीय पूल के तहत MBBS और BDS की सीट के लिए आवेदन भर सकते हैं.