गुजरात: Sabarmati River के पानी में मिला Coronavirus, दो तालाबों का पानी भी संक्रमित
साबरमती नदी के पानी में कोरोना वायरस मिलने की पुष्टि हो गई है. वैज्ञानिकों के अनुसार, इसमें वायरस की मौजूदगी काफी अधिक पाई गई है. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि ये वायरस जीवित है या मृत. इसकी जांच की जा रही है.
गांधीनगर: गुजरात (Gurarat) के अहमदाबाद शहर की लाइफलाइन कहे जाने वाली साबरमती नदी (Sabarmati River) में कोरोना वायरस (Coronavirus) की मिलने की पुष्टि हो गई है. कुछ समय पहले नदी से लिए गए पानी के सैंपल जांच में संक्रमित मिले हैं. इस खबर से ही पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है.
सैंपल में वायरस की मौजूदगी ज्यादा
इतना ही नहीं, साबरमती नदी के अलावा अहमदाबाद के अन्य जल स्रोत कांकरिया, चंदोला झील से लिए गए सैंपल भी जांच में संक्रमित मिले हैं. इन सभी सैंपल में वायरस की मौजूदगी काफी अधिक बताई गई है. आईआईटी गांधी नगर सहित देश के आठ संस्थानों ने मिलकर यह अध्ययन किया है, जिसमें नई दिल्ली स्थित जेएनयू के स्कूल ऑफ इनवॉयरमेंटल साइंसेज के शोद्यार्थी भी शामिल हैं.
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कोरोना डेड है या जीवित? जांच जारी
आईआईटी गांधीनगर के प्रोफेसर मनीष कुमार ने कोरोना वायरस की मौजूदगी पर किए गए शोध में काफी बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि, 'सितंबर से दिसंबर 2020 तक कोरोना वायरस के 16 सैंपल साबरमती नदी से लिए गए थे, जिसमें कोरोना वायरस की मौजूदगी पाई गई है. इसके अलावा, कांकरिया और चंदोला झीलों से भी नमूने लिए गए. हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि साबरमती के नमूनों में कोरोना वायरस की उपस्थिति कितनी खतरनाक है. साबरमति नदी के पानी में पाया गया कोरोना डेड है या जीवित, ये जानने के लिए अध्ययन जरूरी है.' जल्द ही इसका खुलासा हो जाएगा.
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दूसरी लहर में नहीं हुई कोई टेस्टिंग
ज़ी मीडिया से खास बातचीत में प्रोफेसर मनीष ने बताया कि प्रदेश में कोरोना की पहली लहर के समस ये सैंपल लिए गए थे, जिसका रिजल्ट अब आया है. दिसंबर के बाद से दूसरी लहर पर कोई शोध नहीं किया गया है, जो उन्हें लगता है कि शोध किया जाना चाहिए. वायरस प्राकृतिक जल में भी जीवित रह सकता है. इसलिए गुजरात में ही नहीं परन्तु गुजरात के बाहर भी पानी के सैंपल लेकर कोरोना वायरस की जांच की जानी चाहिए.
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