नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद अब यहां निकाय के लिए चुनाव हो रहे हैं. निकाय चुनाव के लिए 17 फरवरी (शनिवार) को सुबह आठ बजे से वोटिंग शुरू हुई और शाम पांच बजे संपन्न हो गए. इस बार 75 नगरपालिकाओं, दो जिला पंचायत, 17 तालुका पंचायत और करीब 1400 ग्राम पंचायतों में वोटिंग हुई. इसके अलावा छह अन्य नगरपालिकाओं की सात सीटों पर भी उपचुनाव के लिए मतदान हुआ. निकाय चुनाव के लिए शनिवार को हुुुुई वोटिंग के बाद 19 फरवरी को मतगणना होगी. इस चुनाव में बीजेपी अपना प्रदर्शन बरकार रखना चाहेगी तो वहीं कांग्रेस की रणनीति विधानसभा चुनाव की तरह ही करने की होगी. क्योंकि राज्य की 75 नगरपालिकाओं में से 59 में बीजेपी का कब्जा है. वहीं बीजेपी का प्रदर्शन शहरी क्षेत्रों में तो अच्छा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों मे बीजेपी की स्थिति उतनी अच्छी नहीं मानी जा रही है. 


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गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पिछले 22 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेपी एक बार फिर से अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, हालांकि कांग्रेस इस बार भी सत्ता से दूर ही रही. इस बार के चुनावों में बीजेपी को राज्य की 182 सीटों में से 99 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस गठबंधन को 80 सीटें और अन्य के खाते में 3 सीटें गई. गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने इसी प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहेगी तो वहीं बीजेपी अपनी पिछली गलतियों से सीख कर उसमें सुधार करना चाहेगी. 


हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटें जीती थीं. कांगेस के खाते में 77 सीटें आई थीं. निकाय चुनाव में बीजेपी और मजबूत होने की कोशिश करेगी. वहीं, कांग्रेस फिर से अपना प्रदर्शन सुधारने का प्रयास करेगी. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश की तिकड़ी अपना बहुत ज्यादा असर दिखाने में कामयाब नहीं हुई थी. हालांकि बीजीपे के लिए तीनों ने खासी मुश्किल खड़ी की थी और चुनाव जीतने के लिए बीजेपी को ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा था. इस तिकड़ी का कमाल था कि बीजेपी 100 सीटें भी हासिल नहीं कर पाई. वैसे तो निकाय चुनाव स्थानीय मु्द्दों के आधार पर लड़े जाते हैं. देखना होगा कि बीजेपी का कितना अच्छा प्रदर्शन करती है.


ग्रामीण क्षेत्र में प्रदर्शन बेहतर बेहतर करने की चुनौती
विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन शहरों में ही बेहतर रहा था. ग्रामीण गुजरात में पार्टी का प्रदर्शन काफी फीका रहा था. पार्टी ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए बजट में ग्रामीण क्षेत्र और किसानों को खासा तवज्जो दी है. वहीं, कांग्रेस के सामने शहरों में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती है. पिछले निकाय चुनाव में कांग्रेस ने पिछले बार बीजेपी के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया था.