गुजरात राज्यसभा चुनाव : अहमद पटेल की इस जीत के मायने
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल राज्यसभा का चुनाव आखिरकार जीत गए. कांग्रेस ने अपने इस कद्दावर उम्मीदवार को जीताने के लिए काफी जतन किए. कांग्रेस के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले पटेल के लिए इस बार का राज्यसभा चुनाव काफी मुश्किलों से भरा था. साल 1993 से उच्च सदन का लगातार सदस्य रहे पटेल ने शायद पिछले 20 सालों में इतनी बड़ी टक्कर का सामना नहीं किया था. पटेल की इस जीत के कई मायने हैं.
नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल राज्यसभा का चुनाव आखिरकार जीत गए. कांग्रेस ने अपने इस कद्दावर उम्मीदवार को जीताने के लिए काफी जतन किए. कांग्रेस के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले पटेल के लिए इस बार का राज्यसभा चुनाव काफी मुश्किलों से भरा था. साल 1993 से उच्च सदन का लगातार सदस्य रहे पटेल ने शायद पिछले 20 सालों में इतनी बड़ी टक्कर का सामना नहीं किया था. पटेल की इस जीत के कई मायने हैं.
1- पर्दे के पीछे से कांग्रेस की सियासत को धार देने वाले पटेल का इस जीत के बाद पार्टी में कद और बढ़ जाएगा. गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. यह जीत गुजरात में कांग्रेस पार्टी और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और उन्हें प्रेरित करने का काम करेगी. गुजरात विधानसभा चुनाव में अहमद पटेल की भूमिका अहम होगी.
2-एक समय था जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद पार्टी में अहमद पटेल दूसरे सबसे बड़े ताकतवर नेता माने जाते थे लेकिन राहुल गांधी के कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद पटेल की हैसियत तीसरे नंबर की हो गयी. लेकिन राज्यसभा चुनाव में मिली यह जीत उनकी पार्टी और संगठन पर पकड़ और मजबूत करेगी.
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3- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तरह अहमद पटेल भी सियासी प्रबंधन के कुशल खिलाड़ी माने जाते हैं. इस जीत ने चुनावी रणनीतिकार के रूप में पटेल को फिर से स्थापित किया है. वहीं, भाजपा के 'चाणक्य' माने जाने वाले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा के लिए यह हार उन्हें चिंतन के लिए मजबूर करेगी.
4-मीडिया रिपोर्टों की मानें तो गुजरात राज्यसभा चुनाव अमित शाह और अहमद पटेल के बीच 'निजी' लड़ाई बन गया था. अमित शाह का मानना है कि उनके सितारे जब गर्दिश में थे उसके पीछे कहीं न कहीं अहमद पटेल का हाथ था. इसलिए शाह चाहते थे पटेल राज्यसभा न पहुंचे. लेकिन इस लड़ाई में पटेल ने बाजी मार ली.
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5-भाजपा ने लगातार कहा है कि पटेल यदि हारते हैं तो यह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की हार होगी क्योंकि पटेल कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार हैं. पटेली की इस जीत ने पूरी कांग्रेस पार्टी में एक नई जान फूंकेगी और भाजपा का सामना करने के लिए एक नए तेवर और नई ऊर्जा के साथ उतरेगी.