पढ़िए : राम रहीम यौन शोषण मामले में पिछले 15 साल के दौरान कब क्या हुआ
हाईकोर्ट ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और सेना को कार्रवाई की छूट दी थी.
चंडीगढ़ : साध्वियों ने राम रहीम पर 15 साल पहले यौन शोषण का आरोप लगाया था. तब से कई बार उन्हें अदालत के चक्कर लगाने पड़े. कई गवाहों को परेशान भी किया गया. लेकिन शुक्रवार पीड़ितों के चेहरे पर उस समय खुशी की लहर दौड़ गई जब विशेष सीबीआई अदालत ने राम रहीम को यौन शोषण के मामले में दोषी करार दिया. हालांकि इसकी सजा पर फैसला 28 अगस्त को होगा. हाईकोर्ट ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और सेना को कार्रवाई की छूट दे दी है.
शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया. फैसले के बाद किसी भी तरह की अप्रिय घटना घटित न हो इसके लिए हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट प्रशासन को पहले ही आदेश दे चुका है कि किसी भी कीमत पर शांति भंग नहीं होनी चाहिए. हम आपको राम रहीम पर चले यौन शोषण के मामले की साल दर साल हुई सुनवाई के बारे में बताने जा रहे हैं.
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ऐसे चला 2002 से लेकर 2017 तक राम रहीम पर केस...
अप्रैल 2002 : राम रहीम की साथी साध्वी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक शिकायत भेजी थी. जिसमें उसने सीधे तौर पर राम रहीम पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था.
मई 2002 : साध्वी की तरफ से दिए गए पत्र को आधार मानते हुए उसकी सत्यता प्रमाणित करने के लिए सिरसा के सेशन जज को जिम्मेदारी सौंपी गई.
दिसंबर 2002 : सेशन जज ने अपनी रिपोर्ट में शिकायत को सही पाया और इसके बाद राम रहीम पर धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया गया.
दिसंबर 2003 : मामले की गंभीरता को देखते हुए राम रहीम पर लगे यौन शोषण के आरोप की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. जांच का जिम्मा सतीश डागर पर था. उन्होंने भरसक प्रयास के बाद लगभग दो साल बाद उस साध्वी को तलाशने में सफलता प्राप्त कर ली, जिसका यौन शोषण हुआ था.
जुलाई 2007 : सीबीआई ने शिकायत मिलने के लगभग चार साल बाद सीबीआई की अदालत में मामले की चार्जशीट दाखिल की. फिर अंबाला से यह केस पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में भेज दिया गया. चार्जशीट में साध्वियों के साथ ही अन्य के साथ भी यौन शोषण होने का पता चला. हालांकि उनकी पूरी जानकारी हासिल नहीं की जा सकी. ये मामले 1999 और 2001 के बताए गए.
अगस्त 2008 : चार्ज शीट फाइल करने के एक साल बाद केस का ट्रायल शुरू हुआ और डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए.
साल 2011 : तीन साल बाद इस केस में ट्रायल शुरू हुआ, जिसमें वकीलों की बड़ी फौज ने राम रहीम का बचाव करने की कोशिश की. यह ट्रायल 2016 में जाकर पूरा हुआ.
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जुलाई 2016 : मामले की सुनवाई के दौरान 52 गवाह पेश किए गए, इनमें 15 वादी थे और 37 प्रतिवादी थे.
जून 2017 : एक साल बाद अदालत ने डेरा प्रमुख के विदेश जाने पर रोक लगा दी.
25 जुलाई 2017 : सीबीआई अदालत ने मामले में प्रतिदिन सुनवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही जल्द फैसला सुनाने की बात कही.
17 अगस्त 2017 : 15 साल पुराने मामले में दोनों ओर से चल रही जिरह खत्म हो गई और फैसले के लिए 25 अगस्त की तारीख मुकर्रर की गई.
25 अगस्त 2017 : सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को दोषी पाया और स्पेशल जेल भेजना का आदेश दिया. इस मामले में सजा का ऐलान 28 अगस्त को किया जाएगा.