Gyanvapi Wazukhana:  ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी सरंचना के वैज्ञानिक सर्वे की मांग को लेकर हिंदू पक्ष ने SC में याचिका दायर की है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में वजूखाने का सर्वे कराने की मांग की गई है. हिंदू पक्ष ने कोर्ट से ASI के डीजी को निर्देश देने की अपील की है कि शिवलिंग के आसपास की दीवार को हटाया जाए और शिवलिंग को नुकसान पहुचाये बिना इस वैज्ञानिक सर्वे को अंजाम दिया जाए.


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हिंदू पक्ष वजूखाने को काशी विश्वनाथ का मूल शिवलिंग मानता है. इसके अलावा हिंदू पक्ष ने पिछले साल 19 मई को दिए उस आदेश को वापस लेने की मांग की है जिसके तहत SC ने शिवलिंग वाली जगह के वैज्ञानिक सर्वे के इलाहाबाद HC के आदेश पर रोक लगा दी थी.


 ‘एएसआई की रिपोर्ट अंतिम शब्द नहीं
इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने शुक्रवार (26 जनवरी) को कहा कि मस्जिद का एएसआई सर्वे सिर्फ एक रिपोर्ट है. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली समिति के सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा, ‘यह सिर्फ एक रिपोर्ट है, कोई फैसला नहीं. कई तरह की रिपोर्ट हैं. यह इस मुद्दे पर अंतिम शब्द नहीं है.’


यासीन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जब पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 से संबंधित मामले की सुनवाई करेगा तो वे (समिति) अपने विचार प्रस्तुत करेंगे.


अधिनियम कहता है कि अयोध्या में राम मंदिर को छोड़कर किसी भी स्थान का ‘‘धार्मिक चरित्र’’ 15 अगस्त, 1947 को मौजूद स्थान से नहीं बदला जा सकता है.


हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील का दावा
इससे पहले काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील ने गुरुवार को दावा किया था कि एएसआई के एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से पता चलता है कि मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के एक अवशेष पर किया गया था.


हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान एक भव्य हिन्दू मंदिर के ध्वस्त होने के बाद अवशेषों पर बनाई गई थी.


(एजेंसी इनपुट के साथ)