Hajj 2024: हज को लेकर सऊदी अरब का बड़ा फैसला, ऐसे लोगों को नहीं मिलेगी एंट्री, भरना पड़ेगा भारी जुर्माना
Hajj Advisory 2024: हज करने आए हाजियों को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए सऊदी अरब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत बिना हज परमिट वाले लोगों पर जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है.
Latest Hajj Advisory 2024: इस्लाम के पवित्र शहर मक्का में हज करने आए हाजियों को लेकर सऊदी अरब ने बड़ा कदम उठाया है. सऊदी अरब ने बिना परमिट के हज करने आए यात्रियों से जुर्माना वसूलना शुरू कर दिया है. सऊदी प्रेस एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हज को लेकर सरकारी नियमों और निर्देशों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों से ये जुर्माना वसूला जाएगा.
सऊदी सरकार ने यह कदम पवित्र मक्का शहर में अनियंत्रित भीड़ को कम करने के लिए उठाया है. इस नए नियम को 'नो परिमट, नो-हज' नाम दिया है. इसके तहत ऐसे हाजियों को एंट्री की अनुमति नहीं दी जाएगी जिनके पास हज परिमिट नहीं होगा.
रिपोर्ट के अनुसार, 'नो परिमट, नो-हज' नीति के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में मक्का शहर, केंद्रीय परिसर, पवित्र स्थल, हरमैन रेलवे स्टेशन, पुलिस चौकियां, स्क्रीनिंग केंद्र और अस्थायी पुलिस चौंकियां शामिल हैं. बयान में यह भी कहा गया है कि यह नियम 20 जून 2024 तक प्रभावी रहेगा.
उल्लंघन करने पर लगेगा भारी जुर्माना
रिपोर्ट के मुताबिक, यह नियम सभी पर लागू होता है. चाहे वह स्थानीय नागरिक हो या सऊदी अरब का निवासी या हज करने आए हाजी. अगर किसी भी व्यक्ति को हज नियमों को उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उस पर 10 हजार सऊदी रियाल यानी लगभग दो लाख 22 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर यह उल्लंघन कोई विदेशी नागरिक करता है तो उसे वापस अपने देश भेज दिया जाएगा. साथ ही सऊदी अरब में आने पर रोक लगा दी जाएगी.
सऊदी अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति बार-बार इसका उल्लंघन करता है तो जुर्माना दोगुना हो जाएगा. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हज करने आए यात्री सुरक्षित और शांतिपूर्वक हज कर सकें.
इसके अलावा अगर कोई ड्राइवर बिना परमिट वाले हाजी को ले जाते हुए पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति को छह महीने तक की जेल और 50 हजार रियाल यानी 11 लाख 13 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही उसका वाहन भी जब्त कर लिया जाएगा.
हज 2024 कब है?
इस साल 14 जून से 19 जून के बीच हज किया जा सकेगा. इस्लाम के पांच फर्ज कामों में एक हज होता है. हर हैसियतमंद मुसलमान पर जिंदगी में एक बार हज करना फर्ज माना गया है. सऊदी अरब के मक्का शहर में हर साल दुनियाभर के लाखों मुसलमान हज के लिए इकठ्ठा होते हैं.