हल्द्वानी में हो सकती है अनहोनी.. इंटेलिजेंस ने दी थी चेतावनी, फिर क्यों नहीं रुक पाई हिंसा की आग?
Haldwani Violence: 31 जनवरी की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हल्द्वानी के स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट ने जानकारी दी थी की अगर बनभूलपुरा में अवैध मस्जिद का ध्वस्तीकरण किया जाता है तो विरोध होने की भारी संभावना है.
Intelligence Report For Haldwani: उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट ने हिंसा से एक हफ्ते पहले ही जताया था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान होने पर हिंसा की आशंका है. बताया गया कि 4 दिन में सौंपी 5 गोपनीय रिपोर्टों में बताया था की अवैध मस्जिद और मदरसे के ध्वस्तीकरण पर मुस्लिम महिलाएं और बच्चों द्वारा उग्र विरोध करवाने की साजिश है. 31 जनवरी की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हल्द्वानी के स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट ने जानकारी दी थी की अगर बनभूलपुरा में अवैध मस्जिद का ध्वस्तीकरण किया जाता है तो विरोध होने की भारी संभावना है.
वहीं यह भी जानकारी सामने आई है कि इसी तरह 2 फरवरी की इंटेलिजेंस रिपोर्ट में स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट ने बताया था अब्दुल मलिक को दिए गए ध्वस्तीकरण के नोटिस पर प्रस्तावित कार्रवाई के दौरान विरोध एवं बाधा डालने का प्रयास किया जा सकता है. इसी क्रम में 3 फरवरी को स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट ने जानकारी दी थी की ध्वस्तीकरण की कार्यवायी पर महिलाओं और बच्चों को आगे रख कर उग्र प्रदर्शन किया जा सकता है.
स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट ने जानकारी दी थी
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 30 जनवरी को जिस वक्त नगर निगम की टीम नोटिस देने गई थी उस समय मौके पर पहुंच कर हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड नगर निगम के अधिकारियों से ही भिड़ गया था. हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 30 जनवरी को जिस वक्त नगर निगम की टीम नोटिस देने गई थी उस समय मौके पर पहुंच कर हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड नगर निगम के अधिकारियों से ही भिड़ गया था.
उपद्रवियों ने जमकर अशांति फैलाई
बता दें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में बीती आठ फरवरी को उपद्रवियों ने जमकर अशांति फैलाई. उत्पात मचाने की सारी सीमाएं पार करते हुए पूरे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा कर दी, थाने को आग के हवाले करने, पत्थरबाजी, और पुलिस पर हमले भी किए. हिंसा की घटना में कई लोगों की मौत हो गई, वहीं करीब 300 लोग जख्मी हुए हैं.