CBI case regarding Haryana Former CM: आय से अधिक सम्पति के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की सजा पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. शुक्रवार दोपहर 2 बजे कोर्ट चौटाला को सजा पर फैसला सुनाएगा. चौटाला पर आरोप है कि उन्होंने साल 1993 से साल 2006 के बीच 6.09 करोड़ की सम्पति अर्जित की जो उनके आय के वैध स्रोतों से बहुत ज्यादा है.


वकील ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर मांगी रियायत 


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सजा पर जिरह के दौरान ओमप्रकाश चौटाला के वकील हर्ष शर्मा ने चौटाला की बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर सजा में रियायत की मांग की. वकील ने कहा कि चौटाला अभी 90 फीसदी दिव्यंगता के शिकार हैं. उनकी उम्र 87 साल हो चली है. वो अस्थमा, डायबिटीज के मरीज हैं. वो बिना किसी दूसरे की सहायता के चल नहीं सकते, अपने कपड़े नहीं पहन सकते. उन्हें जेल भेजकर आखिर क्या हासिल होगा.


'चौटाला ने जांच में सहयोग दिया'


चौटाला के वकील हर्ष शर्मा ने कहा कि चौटाला पर 1993-2006 के दरमियान आय से अधिक सम्पति अर्जित करने का आरोप है. इस दरमियान उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग दिया है. उनका दोष सिर्फ इतना भर है कि वो कोर्ट को अपनी सम्पति के बारे में संतुष्ट नहीं कर पाए. यही उनकी विफलता है. किसी संगीन मामले में वो दोषी नहीं हैं.


सजा नजीर बने: CBI


CBI की ओर से पेश वकील अजय गुप्ता ने चौटाला को सजा में रियायत दिए जाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोप एक जननेता पर है. सजा में कोई रियायत देना ठीक नहीं होगा. इससे आम जनता के बीच गलत संदेश जाएगा कि बड़े आदमी कानूनी शिकंजे में फंस जाने से बच जाते हैं. करप्शन समाज का कैंसर है. सजा ऐसी दी जाए जो मिसाल बने.


सीबीआई के वकील ने कहा कि अगर चौटाला के वकील ये दलील दे रहे थे कि लंबे वक्त से ट्रायल का सामना कर रहे हैं तो इसमें गलती किसकी है. पिछली 100 सुनवाई में से 88 से ज्यादा में वो पेशी से छूट पाते रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि परिवार के कोई सदस्य उन पर निर्भर हो. सजा में रियायत देना ठीक नहीं होगा.


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सजा पर फैसला 27 मई को


बहरहाल कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला के वकील और सीबीआई की दलील सुनने के बाद सजा पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. 27 मई को कोर्ट 2 बजे सजा पर फैसला सुनाएगा. कोर्ट ने चौटाला को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(1)(e) और 13(2) के तहत दोषी ठहराया था. इन धाराओं के तहत 1 साल से लेकर 7 साल तक की सजा हो सकती है.


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