Haryana Municipal Election Results: बेशक भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस साल हुए पांच विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया हो, पार्टी लगातार कई राज्यों में पहली बार सरकार बनाने में भी सफल रही हो, लेकिन पहले से ही हरियाणा की सत्ता पर काबिज बीजेपी की लोकप्रियता यहां कुछ कम होती दिख रही है. हाल ही में यहां नगर निकाय चुनावों के जो नतीजे आए हैं, वो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं. यहां बेशक पार्टी अधिकतर निकायों में जीती हो, लेकिन पिछली बार की तुलना में पार्टी का प्रदर्शन तोड़ा लड़खड़ाता हुआ दिख रहा है. आइए जानते हैं इन चुनावों में किस पार्टी की क्या स्थिति रही.


यहां बीजेपी की बनी बात


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हरियाणा  में 46 नगर निकायों में हुनए चुनाव में बीजेपी ने जेजेपी के साथ गठबंधन किया था. बीजेपी ने 46 में से 27 नगर निकाय पर कब्जा जमाया है. इनमें से बीजेपी के हिस्से में 22, जेजेपी को तीन और अन्य के हिस्से में 2 नगर निकाय आए हैं. अगर नगर परिषद सीटों की बात करें तो 18 में से 10 पर बीजेपी जीती है, जबकि जेजेपी ने 1 सीट पर विजयी हासिल की है. नगर पालिका की बात करें तो इसमें बीजेपी ने 12 सीटों पर, जेजेपी ने 2 सीटों पर और दो समर्थित ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है. इन नतीजों को बीजेपी पॉजिटिव रूप से देख रही है. प्रदेश के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी उम्मीदवारों ने उन 12 सीट पर भी जीत दर्ज की है, जहां कांग्रेस के विधायक हैं.


इन 3 निकायों में भारतीय जनता पार्टी घाटे में


हरियाणा में 18 नगर परिषदों में से इस बार बीजेपी ने जिन 10 सीटों पर अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है, उनमें गोहाना, जींद, झज्जर, बहादुरगढ़, चरखी दादरी, कालका, सोहना, फतेहाबाद, कैथल और पलवल शामिल हैं. हांसी, नरवाना, नारनौल, टोहाना, भिवानी, होडल में निर्दलीय उम्मीदवार अध्यक्ष पद पर जीते हैं. नूंह में अध्यक्ष पद पर जेजेपी प्रत्याशी ने कब्जा किया है. मंडी डबवाली में अध्यक्ष पद पर आईएनएलडी समर्थित उम्मीदवार ने बाजी मारी है. कुल मिलाकर बीजेपी को पिछली बार की तुलना में तीन सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा है. पिछली बार 13 नगर परिषदों के अध्यक्ष पद पर बीजेपी काबिज थी. बता दें कि इस बार कांग्रेस ने पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा. उसने अधिकतर सीटों पर प्रत्याशियों को समर्थन दिया था. पिछली बार कांग्रेस ने 4 निकायों पर कब्जा जमाया था. सीएम मनोहर लाल के जिले करनाल में बीजेपी का प्रदर्शन चिंता का विषय है. यहां 4 नगर पालिकाओं में से सिर्फ 1 घरौंडा पालिका में बीजेपी कैंडिडेट चेयरमैन पद जीत सका. यह जीत भी महज 31 वोट से है.


ऐलनाबाद में नहीं चला अभय का जादू


आईएनएलडी के लिए यह चुनाव मिलाजुला रहा. अभय चौटाला अपनी विधानसभा सीट ऐलनाबाद में पार्टी को नगर पालिका की सीट नहीं दिला सके. हालांकि राहत की बात ये है कि पार्टी ने पहली बार डबवाली नगर परिषद और रानियां नगर पालिका का अध्यक्ष पद का चुनाव जीता है. पिछले निकाय चुनावों में आईएनएलडी के खाते में कोई भी नगर परिषद या नगर पालिका नहीं थी.


AAP के लिए जगी उम्मीद


इन चुनावों में आप के लिए उम्मीद जगी है. आप ने सबसे छोटे निकाय-इस्माइलाबाद में चेयरमैन का चुनाव जीता है. इसके अलावा सोहना, कुंडली, भिवानी, कैथल, जींद, पलवल, घरौंडा, पिहोवा व लाडवा नगर परिषद/पालिका में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को अच्छे वोट मिले हैं. सोहना में पार्टी दूसरे नंबर पर रही. हालांकि कई शहरों में आप प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाए.



उप मुख्यमंत्री के लिए भी नतीजे अच्छे नहीं


प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के लिए यह नतीजे उतने अच्छे नहीं कहे जा रहे हैं. दरअसल उनकी विधानसभा सीट उचाना में पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. उचाना नगर पालिका में जेजेपी उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा, जबकि नरवाना में जेजेपी प्रत्याशी छठे स्थान पर आया है. चौटाला परिवार के गृह हलके मंडी डबवाली नगर परिषद सीट पर पार्टी उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहा. टोहाना में भी जेजेपी उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहा.