हाथरस भगदड़: SIT ने भोले बाबा को क्लीन चिट दी! मुख्य आयोजक जिम्मेदार... एसडीएम-सीओ समेत छह सस्पेंड
Hathras Case Update: हाथरस में भगदड़ की जांच के लिए बनी स्पेशल जांच टीम (SIT) की रिपोर्ट आ गई है. SIT ने प्राथमिक आधार पर, मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर को दुर्घटना का जिम्मेदार माना है.
Hathras Stampede SIT Report: यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को मची भगदड़ की शुरुआती जांच रिपोर्ट आ गई है. ADG जोन आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की SIT ने कार्यक्रम आयोजकों को जिम्मेदार माना है. SIT ने कुल 125 लोगों के बयान दर्ज किए थे. एसआईटी के अनुसार, दुर्घटना के पीछे साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. मामले की तह तक पहुंचने के लिए गहन जांच की जरूरत है. SIT रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम, सीओ व तहसीलदार सहित कुल छह लोगों को निलंबित किया गया है.
हाथरस कांड: बाबा को क्लीन चिट!
SIT ने अपनी रिपोर्ट में सूरजपाल जाटव उर्फ नारायण साकार हरि (भोले बाबा) को जिम्मेदार नहीं माना. रिपोर्ट में कहा गया कि हाथरस में भीड़ को बुला तो लिया गया लेकिन पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने भी आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया. वरिष्ठ अधिकारियों को भी पूरी जानकारी नहीं दी गई. सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में 02 जुलाई को 'भोले बाबा' के सत्संग के दौरान भगदड़ मची थी. 121 लोगों की मौत हो गई थी तथा 31 अन्य घायल हो गए थे.
SIT रिपोर्ट की बड़ी बातें
रिपोर्ट के मुताबिक, जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया. इनमें प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी शामिल हैं. घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, जगह की वीडियोग्राफी, छायाचित्र, वीडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया.
SIT ने शुरुआती जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है. जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इनकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है.
SIT ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है. स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के लिए जिम्मेदार हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, SDM सिकंदराराऊ ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति दे दी और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया.
आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली. अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया. आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई. न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया.
रिपोर्ट में कहा गया है, आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं. इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली.
आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया. स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया.
SIT रिपोर्ट के अनुसार, सत्संग के आयोजकों ने भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी. भारी भीड़ के चलते यहां किसी प्रकार की बैरिकेडिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए.
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हुई कार्रवाई
एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की. शासन ने उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकंदराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकंदराराऊ, चौकी इंचार्ज कचौरा एवं चौकी इंचार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया है. (एजेंसी इनपुट्स)