HC on Jaipur bomb blast case: राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सिलसिलेवार 8 बम धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक लोग घायल हुए थे. राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन 4 आरोपियों को बरी कर दिया जिन्हें व‍िशेष अदालत ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी. उच्‍च न्‍यायालय ने इसके साथ ही 'खराब' जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई थी.


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अभी रिहा नहीं हुए आरोपी


बचाव पक्ष के वकील एसएस अली ने कहा कि 5 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था जिनमें से 4 को उच्‍च न्‍यायालय और एक को सुनवाई अदालत ने 2019 में बरी कर दिया था. उन्होंने कहा कि आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को बुधवार को उच्‍च न्‍यायालय ने बरी किया था जो इस समय जयपुर जेल में बंद हैं, वहीं 5वां आरोपी शाहबाज हुसैन अभी जमानत पर है. अली ने कहा कि चारों की जमानत अर्जी सोमवार को निचली अदालत में दायर की जाएगी.


दोषमुक्त करार हुए आरोपी


आपको बता दें कि इन चारों के खिलाफ धारा 307, 124-A, और 120-B के तहत क्रमश: हत्या का प्रयास, राजद्रोह और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज है. इसके अलावा विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं. राजस्थान की विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को इस मामले में आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी माना जबकि शाहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया. राज्य सरकार ने शाहबाज हुसैन को बरी किए जाने के फैसले को उच्‍च न्‍यायालय में चुनौती दी थी. वहीं चारों ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी.


13 मई 2008 को सिलसिलेवार हुए 8 बम धमाके


न्यायमूर्ति पंकज भंडारी और न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने बुधवार को चारों को बरी करने का फैसला सुनाया. अदालत ने अपने आदेश में निचली अदालत द्वारा 5वें व्यक्ति शाहबाज हुसैन को बरी करने की भी पुष्टि की. 13 मई 2008 को सिलसिलेवार हुए आठ बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला कर रख दिया था. पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था. इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे. बम साइकिल पर टिफिन बॉक्स में रखे गए थे. इसमें कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक लोग घायल हुए थे.


जिंदा बम से जुड़ा मामला


रामचंद्र मंदिर के पास से एक जिंदा बम बरामद किया गया जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया. फिलहाल जो मामला चल रहा है वह इसी से जुड़ा है. अतिरिक्त राजकीय अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार से मंजूरी के बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका (SLP) दायर की जाएगी.


(इनपुट: एजेंसी)


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