Hemant Soren: झारखंड उच्च न्यायालय ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शुक्रवार को जमानत दे दी. वे 149 दिन बाद जेल से बाहर आ गए हैं. अदालत ने सोरेन की जमानत याचिका पर अपना फैसला 13 जून को सुरक्षित रख लिया था. सोरेन के वकील ने बताया कि सोरेन को जमानत दे दी गई है. उधर अदालत ने कहा है कि प्रथम दृष्टया, वह दोषी नहीं हैं और जमानत पर रिहाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कोई अपराध किए जाने की कोई आशंका नहीं है.


31 जनवरी को गिरफ्तार किया था


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असल में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. सोरेन (48) वर्तमान में बिरसा मुंडा जेल में हैं. सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील एस वी राजू ने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) पुलिस थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का जिक्र करते हुए दलील दी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह इसी तरह का अपराध फिर करेंगे. 


ईडी की दलीलें पूरी होने के बाद


यह आदेश न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने पारित किया. सोरेन के बचाव पक्ष और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. सोरेन ने उनकी जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था.



ममता ने सोरेन खुशी जताई


उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोरेन को जमानत मिलने पर खुशी जताई. बनर्जी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘झारखंड के एक महत्वपूर्ण आदिवासी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक मामले के कारण इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन आज उन्हें माननीय उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है. मैं बहुत खुश हूं और मुझे यकीन है कि वह तुरंत अपनी सार्वजनिक गतिविधियां शुरू कर देंगे. हेमंत, हमारे बीच आपका स्वागत है.’’