चंडीगढ़: 3 साल तक नए लॉ कॉलेज (Law Collage) खोलने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिबंध को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (High Court) ने खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए बार काउंसिल (Bar Council) को 3 महीने में सोसायटी के आवेदन पर फैसला लेने के निर्देश दिए हैं. बार काउंसिल की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि लीगल प्रोफेशन में हाई स्टैंडर्ड्स बनाए रखने के लिए आने वाले तीन सालों तक किसी भी नए लॉ कॉलेज को खोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है.


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300 से ज्यादा संस्थानों को नहीं मिली मंजूरी
याचिकाकर्ता के वकील हरप्रीत बराड़ ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) ने 11 अगस्त 2019 को प्रस्ताव पारित कर तीन साल तक नए कॉलेज खोलने पर मंजूरी नहीं देने का फैसला लिया था. बार काउंसिल के फैसले से देशभर में 300 से ज्यादा संस्थानों को लॉ कॉलेज (Law Collage) खोलने की मंजूरी नहीं मिल पाई. बार काउंसिल का तर्क था कि जगह-जगह लॉ कॉलेज खुल गए हैं, जिससे लॉ की पढ़ाई का स्तर गिर रहा है.  इसी मामले में जस्टिस रेखा मित्तल ने फैसले में कहा, 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया यदि वास्तव में लीगल प्रोफेशन के स्टैंडर्ड्स को उठाना चाहता है तो नए वकीलों के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाए.' 


कोर्ट ने दिया ये आदेश
कोर्ट ने फैसले में कहा कि 'लीगल प्रोफेशन में आने वाले ज्यादातर नए लोग न तो केस ड्राफ्ट कर पा रहे हैं और न ही आत्मविश्वास से कोर्ट में बोल पा रहे हैं. बार काउंसिल नए वकीलों के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की व्यवस्था करे.' आदेश में कहा गया है कि,'इसमें कोई संदेह नहीं है, बीसीआई दिशानिर्देश/सर्कुलर आदि जारी कर सकता है. वहीं नए कॉलेज खोलने की मंजूरी देते समय या देशभर में पहले से ही चल रहे कॉलेजों पर इनके अनुपालन के साथ-साथ ही 2008 के नियमों के पालन के लिए दबाव दे सकता है. परंतु इन सभी नियमों के बहाने कानूनी शिक्षा प्रदान करने के लिए नए संस्थान खोलने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकता है.'


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वकील हरप्रीत बराड़ ने बताया चंडीगढ़ एजुकेशनल सोसायटी की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि वे मोहाली के गांव झंजेड़ी में चंडीगढ़ लॉ कॉलेज खोलना चाहते हैं. इसके लिए पंजाब सरकार की जरूरी मंजूरी और सीएलयू ले लिया गया है. पंजाब यूनिवर्सिटी से भी मान्यता ले ली है. सोसायटी की तरफ से बीते कई साल से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट, कंप्यूटर एप्लीकेशन, एग्रीकल्चर, कॉमर्स, फैशन टेक्नोलॉजी व दूसरे कई अन्य क्षेत्रों में काम किया जा रहा है. इन सबके बावजूद बार काउंसिल ऑफ इंडिया अपनी अनुमति नहीं दे रहा है. याचिका में मांग की गई थी कि बार काउंसिल को जरूरी अनुमति देने के निर्देश दिए जाएं.


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