Trending Photos
नई दिल्ली: चीन के वुहान से दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से आज भी छुटकारा नहीं मिला है. इस बीच तमाम देश जल्द ही कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. फिलहाल वैक्सीन ही एक मात्र 'सहारा' नजर आ रही है. भारत भी स्वदेशी वैक्सीन बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन, चीन समेत कई देशों में वैक्सीन लगनी भी शुरू हो चुकी है लेकिन चीन की वैक्सीन पर सवाल उठ रहे हैं. इससे ड्रैगन तिलमिला गया है और धमकी पर उतर आया है.
वैक्सीन (Vaccine) पर सवाल उठने के बाद चीन (China) ने कहा है, 'अगर कोरोना (Corona) को हराना है तो फिर चीन की वैक्सीन का इस्तेमाल करना होगा.' चीन ने अपनी भड़ास निकालने के लिए हमेशा की तरह ग्लोबल टाइम्स का प्रयोग किया है. ग्लोबल टाइम्स में आर्टिकल के जरिए चीन अन्य देशों को धमकी देने की कोशिश कर रहा है. ग्लोबल टाइम्स में लिखा है, 'चीन के समयानुसार, गुरुवार की सुबह, ब्राजील के बुटनान इंस्टीट्यूट ने चीन की सिनोवैक कोरोना वैक्सीन (sinovac corona vaccine) के 50 फीसदी से ज्यादा प्रभावी होने की जानकारी दी. इससे यह इमरजेंसी अप्रूवल के लिए योग्य हो गई है. चीनी कंपनी पूरी तस्वीर को अंतिम रूप देने से पहले तुर्की और इंडोनेशिया जैसे अन्य देशों में परीक्षणों से डाटा एकत्र करके उसका विश्लेषण करेगी, लेकिन पश्चिमी मीडिया ने तुरंत पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.' आर्टिकल में दावा किया गया है कि वैक्सीन 50 प्रतिशत से अधिक प्रभावी है.
चीन ने हमेशा की तरह खुद को सही साबित करने के लिए दूसरे देशों की वैक्सीन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. इसमें सबसे पहले चीन के निशाने पर आया है अमेरिका. चीन ने कहा है कि अमेरिकी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ कारगर नहीं है. चीन ने दावा किया है अमेरिका ने फाइजर वैक्सीन (Pfizer vaccine) के तीसरे ट्रायल में इस्तेमाल किए गए सैंपल को स्वतंत्र रूप से किसी तीसरे पक्ष से सत्यापित नहीं कराया है. चीन ने कहा है कि अमेरिका की वैक्सीन अमीर देशों के लिए बनाई गई है. चीन फाइजर टीके के रिएक्शन्स होने का भी दावा कर रही है.
चीन बाकी देशों की वैक्सीन पर सवाल उठा कर अपनी सिनोवैक वैक्सीन (sinovac corona vaccine) को सबसे अधिक कारगर बता रहा है. खुद ही अपनी वैक्सीन की तारीफ करते हुए चीन के ग्लोबल टाइम्स में छपा है, 'चीन की सिनोवैक कोरोना वैक्सीन ज्यादा सुरक्षित है और इसे रेफ्रिजिरेटर के तापमान में आसानी से स्टोर किया जा सकता है. यह अमीरों को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि विकासशील देशों के हिसाब से बनाई गई है. साथ ही इसकी कीमत भी कम रखी गई है. चीन पश्चिमी देशों पर अपनी वैक्सीन की खूबियां नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहा है.