नई दिल्ली: भारत सरकार के शीर्ष नेतृत्व ने सोमवार को बैठक की, जिसमें लद्दाख के साथ समूची एलएसी के हालात पर चर्चा की गई. बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल (NSA Ajit Doval), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (General MM Narvane) ने पूर्वी लद्दाख के हालात की जानकारी दी.


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करीब 90 मिनट तक चली बैठक
चाइना स्टडी ग्रुप की बैठक में 3,500 किमी लंबी एलएसी पर निगरानी बढ़ाने को लेकर सहमति बनी, खासतौर पर अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) और सिक्किम सेक्टर (Sikkim Sector) में. लद्दाख जोन यानि पश्चिमी जोन में पहले से ही चीन का मुकाबला भारतीय सुरक्षा बलों की मिरर डिप्लॉयमेंट है. इस बैठक में सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पैंगोंग लेक (Pangong Lake) के उत्तरी और दक्षिणी बैंक पर हाल ही में चीन-भारतीय सेना के आमने सामने होने के हालात की भी जानकारी दी.


उन्होंने चीनी सेना के आगे बढ़ने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक चाइना स्टडी ग्रुप की बैठक में मौजूदा हालात की समीक्षा की गई. करीब 90 मिनट चली बैठक में तय हुआ कि भारत वार्ता में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों सेनाओं के अप्रैल की स्थिति में लौटने पर जोर देगा.


सर्दियों में सप्लाई लाइन को निर्बाध बनाए रखने पर जोर
उन्होंने बताया कि बैठक में पूर्वी लद्दाख और अत्यधिक ऊंचाई वाले अन्य संवेदनशील सेक्टरों में सर्दियों में भी सभी अग्रिम इलाकों में बलों और हथियारों का मौजूदा स्तर बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रबंधों पर भी विचार-विमर्श किया गया. इन इलाकों में सर्दियों में तापमान शून्य से भी 25 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता हैं. ऐसे में सेना की सप्लाई निर्बाध बनी रहे, इसपर भी चर्चा की गई.


चीन को पीछे हटना होगा
10 सितंबर को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच मॉस्को में हुई बातचीत में पांच सूत्रीय करार के पालन के लिए दोनों देशों के प्रतिनिधि काम कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि पैंगोंग पर भारत की मजबूत सैन्य स्थिति के मद्देनजर चीन बातचीत पर टालमटोल के मूड में है. सूत्रों ने बताया कि चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) ने कोर कमांडर स्तर की बातचीत के अगले दौर को लेकर भारतीय सेना को अभी कोई जवाब नहीं दिया है.


हालांकि सूत्रों की मानें तो अगले दो-तीन दिनों में कमांडर स्तर की बातचीत हो सकती है, इसके लिए सहमति बनाई जा रही है. सूत्रों ने बताया कि चाइना स्टडी ग्रुप की बैठक में इस बात पर भी थोड़ी चर्चा की गई कि कोर कमांडर स्तर की अगली वार्ता में भारतीय पक्ष को किन मुख्य बिंदुओं को उठाना है. फिलहाल भारत की तरफ से बातचीत के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और चीनी पक्ष के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.


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