शिमला: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति (Himachal Pradesh Spiti Valley) में ट्रेकिंग के लिए खंमीगर ग्लेशियर (Khemenger Glacier) गए 16 ट्रेकर्स के दल के 12 सदस्य अभी भी फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए जिला प्रशासन ने खास अभियान शुरू किया है. इसके लिए 32 सदस्यीय बचाव दल का गठन किया गया है. बताया जा रहा है कि ऊंचाई पर बीमारी के कारण दो ट्रेकर्स की मौत हो गई है.


बचाव दल में आईटीबीपी के जवान और मेडिकल टीम


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पैदल चलकर सोमवार को काजा पहुंचे दो ट्रेकर्स से स्थानीय प्रशासन को मिली जानकारी के अनुसार, 12 लोगों का एक समूह निकासी का इंतजार कर रहा है. लाहौल स्पीति के डीसी नीरज कुमार ने कहा, 'उन्होंने हमें बताया कि रास्ते में दो ट्रेकर्स की मौत हो गई. फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए, हमने 32 सदस्यीय बचाव दल का गठन किया है, जिसमें 16 आईटीबीपी के जवान, छह डोगरा स्काउट्स और एक मेडिकल टीम शामिल है.'


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खराब मौसम के कारण नहीं पहुंच पाया हेलीकॉप्टर


डीसी नीरज कुमार ने कहा कि हेलीकॉप्टर की मदद से उन्हें बचाने के प्रयास किए गए, लेकिन खराब मौसम के कारण सफल नहीं हो सके. सात ट्रेकर्स पश्चिम बंगाल के हृदयपुर के अरेटे पर्वतारोहण फाउंडेशन (क्लब) के हैं, जो इंडियन माउंटेनियरिंग फांउडेशन में रजिस्टर्ड है. वे 11 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच पाराहियो कर्नल और होम्स कर्नल तक ट्रेकिंग करने वाले थे.


6 दिनों में पूरा होगा रेस्क्यू ऑपरेशन


खंमीगर ग्लेशियर (Khemenger Glacier) में फंसे 12 ट्रेकर्स को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन पिन घाटी के काह गांव से शुरू होगा. रेस्क्यू टीम पहले दिन 28 सितंबर को काह से चंकथांगो, दूसरे दिन चंकथांगो से धार थांगो और अंतिम दिन धारथांगो से खमींगर ग्लेशियर पहुंचेगी. रेस्क्यू टीम ट्रेकर्स को बचाकर अगले तीन दिन में खंमीगर से काह पहुंचेगी.


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