Baravafat procession: यूपी के बरेली में पिछले 24 घंटों में दो अलग-अलग जगहों पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ा. दरअसल रविवार रात मारावफात जुलूस को रोका गया. हिंदू पक्ष का कहना है कि सावन में इसी तरह कांवड़ यात्रा भी रोकी गई थी. इस विरोध को लेकर 11 घंटों तक हिंदू और मुसलमान समुदाय के लोग एक-दूसरे के सामने खड़े रहे. 


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सोमवार को फिर गरमाया माहौल


हालांकि पुलिस ने मामला शांत करवाया. लेकिन जब ये सब हो रहा था.उसी वक्त एक दूसरे लोकेशन पर शनिदेव की प्रतिमा खंडित की गई, जिसका आरोप जुलूस में शामिल युवकों पर ही लग रहा है. सोमवार को बरेली में फिर बारा बफात जुलूस निकालने का मामला गरमा गया है. सड़क पर एक बार फिर भीड़ जुटने लगी है.


दो समुदायों के लोगों को एकत्र होते देख मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद है. बारा बफात के जुलूस को लेकर देर रात दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे. 12 घंटे की मशक्कत के बाद दोनों समुदाय के लोगों ने पुलिस ने सुबह घर भेज दिया था. एहतियातन मौके पर पुलिस के आला अधिकारी मौजूद हैं.


शनि मंदिर को उपद्रवियों ने बनाया निशाना


बरेली में रविवार रात बारावफात जुलूस को लेकर हंगामा हो रहा था. और वहां से थोड़ी ही दूरी पर हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाने की तैयारी चल रही थी. एक तरफ बारावफात जुलूस को लेकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा था तो दूसरी तरफ कुछ उन्मादी शनि मंदिर को निशाना बना रहे थे.


बरेली में एक बार फिर नफरती साजिश के तहत सांप्रदायिक भावना भड़काने की कोशिश हुई.प्रतिमा को खंडित किया गया.सोची समझी साजिश के तहत बरेली को सांप्रदायिक आग में झोंकने की पूरी तैयारी की गई थी.


बरेली के इज्जतनगर थाना इलाके में सोमवार रात कुछ उन्मादी एक्टिव थे. जब प्रशासन की पूरी टीम बारावफात जुलूस में हुए हंगामे को शांत करने में जुटी थी तो कुछ शरारती तत्व बरेली की शांति व्यवस्था को भंग करने की साजिश करने में लगे थे.


मंदिर में तोड़फोड़ से भड़क गए लोग


देर रात जिस शनि मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया, वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि बारावफात जुलूस में शामिल मुसलमान युवकों ने ही मंदिर को नुकसान पहुंचाया.


मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद लोगों का गुस्सा भड़का. हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचे. लोगों ने बार-बार इस तरह की घटनाओं को लेकर अपना आक्रोश जाहिर किया.


दरअसल इस इलाके में ऐसी घटना को पहली बार अंजाम नहीं दिया गया है. इसी साल सावन की शुरुआत के दौरान प्राचीन शिव मंदिर में प्रतिमा को खंडित किया गया था.इस मामले में पुलिस ने 4 युवकों को गिरफ्तार किया था. इस घटना का मुख्य आरोपी उत्तराखंड का अकरम है. पुलिस की पूछताछ में अकरम ने कबूला था कि बरेली में माहौल बिगाड़ने के लिए ऐसा किया गया. 


बीती रात एक तरफ जहां शनि मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया, तो वहीं बारावफात जुलूस को लेकर भी पूरे बरेली में सांप्रदायिक तनाव का माहौल रहा. हिंदू समुदाय के लोग पूरी रात बारावफात जुलूस का रास्ता रोके रहे. तो वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग जुलूस का रास्ता बदलने के लिए तैयार नहीं थे.


क्यों अड़ा हुआ है हिंदू समुदाय


दरअसल हिंदू समुदाय का आरोप है कि सावन में इस रूट से कांवड़ यात्रा को निकलने से रोका गया था...जिस वजह से इस बार बारावफात जुलूस को निकलने नहीं दिया गया. पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, जिसके बाद दोनों पक्षों के लोगों को समझाकर दूसरे रूट से जुलूस को निकाला गया.


एक तरफ बरेली में सांप्रदायिक तनाव है...तो वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साधा और तुष्टिकरण का आरोप लगाया.


बरेली में दोनों ही जगहों पर फिलहाल हालात को काबू में करने की कोशिश जारी है. लेकिन सवाल है कि आखिर बरेली में बार बार नफरत की स्क्रिप्ट लिखता कौन है.