Bihar Story: देश के बदलते माहौल में भी बिहार का एक गांव ऐसा है, जहां हिन्दू-मुस्लिम, सब अपना टाइटल एक ही रखते हैं. ये गांव है नालंदा जिले का गिलानी. यहां के लोग अपने सरनेम को लगाकर काफी प्राउड फील करते हैं. यहां खास बात ये हैं कि गांव के सभी लोग अपना सरनेम मुस्लिम रखते हैं. 


'गिलानी' गांव की अनोखी परंपरा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार गिलानी गांव में हिन्दू-मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग अपने नाम के पीछे गिलानी शब्द लगाते हैं. दरअसल यह परंपरा मुगल काल से चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि इस्लाम के एक अनुयायी हजरत अब्दुल कादिर जिलानी के नाम पर इस गांव का नाम ‘गिलानी’ रखा गया है. 


अरबी भाषा में ‘ग’ अक्षर नहीं होता, इसलिए लोग उनको जिलानी कहते हैं. इस वजह से गांव का पूरा नाम मोहीउद्दीनपुर गिलानी है. 


नाम के साथ लगाते हैं गिलानी


आपको बता दें कि इस गांव में 5000 लोग हैं. जहां सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर रहते हैं. गांव का व्यक्ति किसी भी धर्म का हो, लेकिन वो अपने नाम के पीछे गिलानी सरनेम ही लगाते हैं. यहां हिंदू हो या मुस्लिम सभी अपने नाम के आगे गिलानी लगाते हैं. पुराने से लेकर अब नए लोग भी इस परंपरा का पालन कर रहे हैं.


यह भी पढ़ें: फेफड़े के मरीजों के लिए जरूरी खबर, स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक है कच्ची नींद


नाम के साथ गांव का नाम


हाल ही में ऐसा भी देखा गया है कि पहले के लोग जाति का टाइटल लगाने के बाद गिलानी शब्द लगाते थे. लेकिन नई पीढ़ी जाति को हटाकर नाम के साथ सीधे गिलानी लगाते हैं. 



LIVE TV