श्रीनगर : हिज्बुल मुजाहीद्दीन का मुख्य चेहरा बन चुका बुरहान वानी शुक्रवार को अनंतनाग में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। मुठभेड़ में बुरहान सहित तीन आंतकवादी मारे गए। एक हेडमास्टर का बेटा बुरहान स्कूली पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुका था। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के. राजेंद्र ने बुरहान के मारे जाने की घटना को सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी करार दिया, क्योंकि कई स्थानीय लड़कों को बंदूक उठाने के लिए प्रेरित करने में उसकी भूमिका कथित तौर पर अहम थी।


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यह पूछे जाने पर क्या सुरक्षाकर्मियों ने मुठभेड़ में बुरहान को मार गिराया, इस पर डीजीपी ने कहा, ‘हां’।


बुरहान की मौत की खबर फैलने के तुरंत बाद श्रीनगर में पाकिस्तान समर्थक नारे सुनाई देने लगे। लोग सड़कों पर उतर आए और टायरें जलाने लगे। शहर के प्रमुख इलाके में रात के वक्त कर्फ्यू जैसी बंदिशें लगा दी गई है।


ब्योरा देते हुए राज्य सरकार के उच्च-पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह मुठभेड़ तब हुई जब एक स्पष्ट सूचना मिली कि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के बुमडूरा गांव में तीन उच्च-प्रशिक्षित आतंकवादी मौजूद हैं। सूत्रों ने बताया कि यह सूचना मिलते ही पुलिस टीमें हरकत में आ गईं और गांव से बाहर निकलने के सभी रास्तों को सील कर एवं थलसेना के साथ एक बाहरी घेरा बनाकर गांव में दाखिल हो गईं। पथराव पर उतर आए स्थानीय लोगों के मामूली विरोध के बाद सुरक्षा बल दोपहर तीन बजे गांव में दाखिल हुए।


सुरक्षा बलों को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी सरताज की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी, जिससे उम्मीदें जागी थीं कि वहां बुरहान भी मौजूद हो सकता है, क्योंकि पहले मिली खुफिया सूचनाओं में बताया गया था कि दोनों साथ ही रहते हैं। सूत्रों ने बताया कि शाम करीब 6:15 बजे मुठभेड़ खत्म हुई और जब देखा गया कि मारे गए तीन आतंकवादियों में एक बुरहान भी है तो सुरक्षा बल खुशी से झूम उठे।


सोशल मीडिया पर वीडियो एवं तस्वीरें डालकर युवाओं से बंदूक उठाने की अपील कर बुरहान चर्चित हुआ था। श्रीनगर के बाहरी इलाके त्राल के रहने वाले बुरहान पर 10 लाख रुपए का इनाम था जबकि सरताज कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। मारे गए तीसरे आतंकवादी की पहचान अब तक नहीं हो सकी है।


पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में तीन पुलिसकर्मियों की मौत के बाद सोशल मीडिया पर बुरहान का आखिरी वीडियो सामने आया था जिसमें उसने और हमले करने की धमकी दी थी। 


फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बुरहान की कई तस्वीरें और उसकी तारीफ करने वाले कई पोस्ट डाले गए, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने हटवा दिया था लेकिन इससे उसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई। कश्मीरी युवाओं को आतंकवाद की तरफ आकर्षित करने के लिए हिज्बुल मुजाहिदीन का ‘पोस्टर बॉय’ यानी प्रमुख चेहरा माने जाने वाला बुरहान 2010 में ही इस आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था। उस वक्त बुरहान की उम्र महज 15 साल थी।


बुरहान ने कई तकनीक पसंद आतंकवादी तैयार किए जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल नए युवाओं को तलाशने और कश्मीरी नौजवानों पर अपना प्रभाव डालने के लिए करते थे। पाकिस्तान समर्थक हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने बुरहान की मौत के विरोध में शनिवार को बंद का ऐलान किया है। सुरक्षा एजेंसियां भी घाटी में कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका को देखते हुए तैयारियों में जुट गई हैं। 


(एजेंसी इनपुट के साथ)