मन चंगा तो तन भी चंगा: हमारे विचारों का हमारी सेहत पर किस तरह पड़ता है असर?
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मन चंगा तो तन भी चंगा: हमारे विचारों का हमारी सेहत पर किस तरह पड़ता है असर?

हजारों सालों से प्राचीन परंपराएं और दार्शनिक इस बात पर जोर देते आ रहे हैं कि हमारे विचारों का हमारी शारीरिक सेहत पर गहरा असर पड़ता है. अब आधुनिक विज्ञान भी इस बात को सच साबित कर रहा है.

मन चंगा तो तन भी चंगा: हमारे विचारों का हमारी सेहत पर किस तरह पड़ता है असर?

हजारों सालों से प्राचीन परंपराएं और दार्शनिक इस बात पर जोर देते आ रहे हैं कि हमारे विचारों का हमारी शारीरिक सेहत पर गहरा असर पड़ता है. अब आधुनिक विज्ञान भी इस बात को सच साबित कर रहा है.

  1. हजारों सालों से प्राचीन परंपराएं और दार्शनिक इस बात पर जोर देते आ रहे हैं कि हमारे विचारों का हमारी शारीरिक सेहत पर गहरा असर पड़ता है. अब आधुनिक विज्ञान भी इस बात को सच साबित कर रहा है. इसे ही मन-शरीर का संबंध या माइंड-बॉडी कनेक्शन कहते हैं.
  2. जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो हमारा शरीर तनाव हार्मोन (stress hormones) का उत्पादन बढ़ा देता है. ये हार्मोन दिल धड़कने की रफ्तार, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं, जिससे दिल की बीमारी, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. इसी तरह, पॉजिटिव विचारों का भी हमारे शरीर पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है. अध्ययनों से पता चलता है कि अच्छे विचार रखने वाले लोगों में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, घाव तेजी से भरते हैं और वे दर्द को बेहतर तरीके से सहन कर पाते हैं.
  3. मन-शरीर के बीच बैलेंस कैसे बनाएं?
  4. योग और ध्यान
    योग और ध्यान तनाव कम करने और मन को शांत करने में मदद करते हैं. ये अभ्यास हमारी सेहत को भी बेहतर बनाते हैं.
  5. व्यायाम
    नियमित व्यायाम न केवल फिजिकल हेल्थ के लिए बल्कि मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है. व्यायाम के दौरान एंडोर्फिन नामक रसायन का उत्पादन होता है, जो मूड को बेहतर बनाता है.
  6. हेल्दी भोजन
    जो हम खाते हैं उसका सीधा असर हमारे दिमाग और शरीर पर पड़ता है. बैलेंस और पौष्टिक भोजन खाने से मानसिक स्पष्टता और एनर्जी का स्तर बढ़ता है.
  7. पर्याप्त नींद
    अच्छी नींद हमारे मेंटल और फिजिकल हेल्थ दोनों के लिए जरूरी है. नींद के दौरान हमारा शरीर खुद को रिपेयर करता है और दिमाग आराम करता है.
  8. पॉजिटिव सोच
    अपने विचारों को पॉजिटिव दिशा में ले जाने का प्रयास करें. आशावादी बने रहने से तनाव कम होता है और आप मुश्किल परिस्थितियों का बेहतर तरीके से सामना कर पाते हैं.
  9. Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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