अलीगढ़: एक गांव के लोग अपना घर बेचकर जाना चाहते हैं और इसके लिए गांव में हर जगह 'यह घर बिकाऊ है' के पर्चे लगाए गए हैं. इस घटना ने प्रशासन की नींद हराम कर दी है. यह मामला अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव का है जहां एक धर्म विशेष के लोगों के उत्पीड़न के बाद लोगों ने गांव छोड़ने का मन बना लिया है.


बचाव में उतरा अखाड़ा परिषद 


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गांव के लोगों से भारतीय अखाड़ा परिषद ने घर छोड़कर नहीं जाने की अपील की है. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, 'नूरपुर गांव के लोग घर छोड़कर कहीं ना जाएं.. लड़ने के लिए आत्मबल रखें क्योंकि सरकार और हम सब संत महात्मा आप के साथ हैं और आप डरिये मत.'


उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि धर्म विशेष के गुरु इस घटना का विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं. जहां आप की आबादी अधिक है, वहां आप हिंदुओं पर अत्याचार करोगे यह गलत बात है. इस तरह की वारदात होती है तो संत महात्मा, अखाड़ा परिषद बर्दाश्त नहीं करेगा.'


बारात निकालने पर हुआ विवाद


दरअसल, नूरपुर गांव में मस्जिद के सामने से गाजे-बाजे के साथ बारात निकाले जाने को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव पैदा होने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि नूरपुर में 26 मई को बहुसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति की बारात गाजे-बाजे के साथ एक मस्जिद के सामने से गुजर रही थी. इस पर दूसरे समुदाय के लोगों ने मस्जिद के आगे गाने बजाने पर आपत्ति जताई थी.


इस मामले में बहुसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने एक मुकदमा दर्ज कराया जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने बारात पर पथराव किया और लाठी से हमला किया. इस घटना में कई लोगों को चोट आई और उनकी कई गाड़ियों के शीशे टूट गए.


गांव छोड़ने पर मजबूर लोग


विवाह समारोह का आयोजन करने वाले परिवार के सदस्यों ने एक वीडियो जारी करके आरोप लगाया कि वह 26 मई की घटना से बहुत चितिंत हैं और उन्होंने अपने घरों के बाहर मकान बिकाऊ होने का पर्चा चिपका दिया है. वे कहीं और पलायन करना चाहते हैं क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उन्हें परेशान करते हैं.


वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्रीय भाजपा सांसद सतीश गौतम और विधायक अनूप प्रधान ने गांव का दौरा किया और भरोसा दिया कि किसी को भी अपनी सुरक्षा की चिंता करने की जरूरत नहीं है.


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पुलिस ने की एक्शन की तैयारी


उधर, अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने कहा कि उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि सांसद उनकी बात भी सुनेंगे, लेकिन यह उम्मीद बेकार गई. उन्होंने 26 मई को मस्जिद के सामने से बारात निकाले जाने को लेकर अल्पसंख्यक पक्ष की ओर से किसी भी तरह का हमला किए जाने के आरोपों से सिरे से इनकार किया है.


पुलिस का कहना है कि वह इस मामले की जांच कर रही है और जिसने भी माहौल खराब करने की कोशिश की है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.