नई दिल्ली: कोरोना वायरस का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) भारत में तेजी से अपने पैर पसार रहा है. अब तक देश के अलग-अलग जिलों के 48 लोग इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हुए हैं. वहीं, देश के बेस्ट डॉक्टर्स की टीम ये पता लगाने में जुटी है कि मौजूदा कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) इस नए वेरिएंट पर कितनी असरदार है.


7 से 10 दिन में पूरी हो जाएगी रिसर्च


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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव ने शुक्रवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि, 'कोविड-19 के दोनों ही टीके- कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा वेरिएंट के विरूद्ध काम करते हैं. हालांकि हमारी टीम अब ये पता लगाने में जुटी है कि मौजूदा वैक्सीन नए कोरोना वेरिएंट पर कितनी असरदार है. अगले 7 से 10 दिनों में ये रिसर्च पूरी हो जाएगी. इतना ही नहीं, हम वैक्सीन को मॉडिफाई करके ज्यादा असरदार बनाने पर भी स्टडी कर रहे हैं.'


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सितंबर तक आ सकती है बच्चों की कोरोना वैक्सीन


डॉ. भार्गव ने कहा कि, 'कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है. इसीलिए लोग कोविड-19 गाइडलाइन का सख्ती से पालन करते रहें. अभी 92 जिलों में 5 से 10 फीसदी तक का पॉजिटिविटी रेट है. अगर लोग सावधानी बरतेंगे तो ये लगातार नीचे आता रहेगा वरना एक बार फिर हालात बिगड़ सकते हैं.' भार्गव ने बताया कि हम सिंतबर तक बच्चों की वैक्सीन पर भी फैसला लेने की कोशिश कर रहे हैं. वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है जो बहुत जल्द पूरा हो जाएगा.


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फेफड़ों पर अटैक करता है नया डेल्टा प्लस वेरिएंट


आपको बताते चलें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में नए डेल्टा प्लस (Delta Plus) वेरिएंट को चिंताजनक वेरिएंट की श्रेणी में डाल दिया है. मंत्रालय के मुताबिक, डेल्टा प्लस इसलिए इस श्रेणी में आता है क्योंकि यह तेजी से फैलने की क्षमता रखता है. ये वायरस फेफड़ों के सेल्स पर मजबूती से चिपक जाता है, और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी इस वेरिएंट पर बेअसर पाई गई है. इस वायरस से संक्रमित होने वाले मरीज सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में हैं.


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