भारत का यह राज्य मुसलमानों को मानता है `दामाद`, पैगम्बर के समय से है खास कनेक्शन
Islam in India: भारत में इस्लाम के प्रचार प्रसार को लेकर कई तरह बातें कही जाती हैं. उनमें से एक यह भी है कि केरल के ज़रिए भारत में इस्लाम आया और इस राज्य में मुसलमानों के `दामाद` भी कहा जाता है. तो चलिए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है?
Islam in India: इस्लाम को लेकर भारत में कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं. धर्म के प्रचार प्रसार को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती हैं. किसी का कहना है कि भारत पंजाब के रास्ते इस्लाम दाखिल हुआ और पूरे देश में फैल गया. जबकि एक दावा यह भी है कि भारत में दक्षिणी राज्य केरल से भारत में इस्लाम की एंट्री हुई है. हालांकि बाद में पता चलता है कि यह दोनों दावे ही ठीक है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक 7वीं शताब्दी में ही भारत में इस्लाम केरल के जरिए दाखिल हो गया था. कहा जाता है कि केरल के रास्ते से जो इस्लाम भारत में आया उसकी बड़ी वजह व्यापार थी. यानी केरल की तरफ से आने वाला इस्लाम व्यापारियों के माध्यम से आया था. दावा यह भी है कि केरल के बाद उत्तर भारत में इस्लाम तकरीबन 500 साल बाद आया. ये इस्लाम तुर्की या फारसी शासकों के ज़रिए आया था.
अरब से कारोबार करने आते थे केरल
एक रिपोर्ट के मुताबिक कहा जाता है कि केरल के केरल के चेर राजवंश के शासक ने भी इस्लाम अपनाया था. ये उस समय की बात जब पैगम्बर मोहम्मद साहब के समय में लोग कारोबार के लिए इधर-उधर जाया करते थे. चेर राजवंश के शासक को लेकर यह भी दावा है कि वो खुद अरब गए और पैगम्बर मोहम्मद साहब से मुलाकात भी की. वहां पर उन्होंने अरब की रहने वाले नेजान सुल्तान से शादी भी की थी और वहीं रहने लगे थे.
भारतीय उपमहाद्वीप की पहली मस्जिद
कहा जाता है कि उन्होंने अपने मरने से पहले अपने महल को मस्जिद में बदलने का आदेश दिया था, बाद में यही मस्जिद भारतीय उमहाद्वीप की पहली मस्जिद बनी. इसकी तस्वीरें आज भी सोशल मीडिया पर देखने को मिल जाती हैं. मस्जिद को देखकर ऐसा नहीं लगता कि वो मस्जिद है, एक महल की तरह लगती है.
क्यों कहा जाता है मुसलमानों को दामाद
रिपोर्ट में Quora पर एक शख्स की पोस्ट के हवाले से लिखा गया कि केरल के अंदर पुराने वक्त से मुसलमानों को एक खास शब्द से भी जाना जाता है. उन्होंने लिखा कि केरल में मुसलमानों को 'मप्पिला' कहा जाता है. मप्पिला शब्द का अर्थ 'दामाद' होता है. पोस्ट के मुताबिक,'यह नाम इसलिए पड़ गया क्योंकि इस राज्य में मुसलमनों की पैदावार अरब और नायर जाति के लोगों के बीच शादियों के बाद पनपा था. नायर केरल का एक जातीय समूह था, जो अरब के लोगों के साथ व्यापार में शामिल रहता था. अरब के लोगों से प्रभावित होकर उन्होंने शादियां कीं. ऐसे में कहा जा सकता है कि अरब वो मुसलान इस राज्य के 'दामाद' होते हैं.