नई दिल्ली: लोकतंत्र (Democracy) के चार स्तंभ कहे गए हैं, जिनमें से न्यायपालिका (Judiciary) भी एक है. न्यायपालिका यानी कोर्ट (Court) से देश के लोगों को इंसाफ मिलता है लेकिन कोर्ट में बैठे जज (Judge) जो आपके लिए फैसले करते हैं क्या आप जानते हैं कि उनको इस काम के लिए कितनी सैलरी मिलती है? ये जानना बड़ा ही इंटरेस्टिंग है.


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को मिलती है इतनी सैलरी


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बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को 1 महीने में 2 लाख 80 हजार रुपये सैलरी मिलती है. राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और गवर्नर के बाद ये देश में सबसे ज्यादा सैलरी है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों को प्रति महीना सैलरी के रूप में 2 लाख 50 हजार रुपये मिलते हैं.


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सैलरी के अलावा मिलती हैं ये सुविधाएं


गौरतलब है कि सैलरी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के जजों को कई अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं. चीफ जस्टिस को रहने के लिए एक सरकारी आवास दिया जाता है. इसके अलावा उनको कर्मचारी, कार, सुरक्षाकर्मी, फोन और बिजली की सुविधा भी मिलती है.


कॉलेजियम के हेड होते हैं सीजेआई


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की शक्तियों की बात करें तो वो कॉलेजियम के हेड होते हैं. सीजेआई सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए सिफारिश भी करते हैं.


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कितनी होती है हाई कोर्ट के जज की सैलरी?


वहीं हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को प्रति महीना 2 लाख 50 हजार रुपये सैलरी के रूप में मिलते हैं. चीफ जस्टिस के अलावा हाई कोर्ट के अन्य जजों को हर महीने सैलरी के रूप में 2 लाख 25 हजार रुपये मिलते हैं. सैलरी के अलावा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को कार, आवास, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और सुविधाएं दी जाती हैं.