तिरुवनंतपुरम: समाज में लैंगिक समानता को कायम रखने और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की हिफाजत के लिए केरल में महिलाओं ने 14 जिलों से होकर गुजरने वाले राजमार्गों पर मंगलवार को 620 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई. राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित ‘वीमेन वॉल‘ अभियान में लेखक, एथलीट, कलाकार, नेता, सरकारी अधिकारी और गृहिणी सहित विभिन्न तबके की महिलाओं ने हिस्सा लिया.


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सबरीमला में सदियों पुरानी परंपरा का संरक्षण करने का संकल्प लेते हुए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के अयप्पा ज्योति प्रज्जवलित करने और कासरगोड से कन्याकुमारी के बीच कतारबद्ध होने के कुछ दिनों बाद इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, पुरूषों ने भी महिलाओं के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए एक अन्य मानव श्रृंखला बनाई.


उच्चतम न्यायालय द्वारा अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के निर्णय को माकपा नीत एलडीएफ सरकार के लागू करने के फैसले के बाद हुए विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में यह मानव श्रृंखला बनाई गई. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को अयप्पा मंदिर में पूजा अर्चना करने की इजाजत दी है.


कार्यक्रम के आयोजक ने बताया कि धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और लैंगिक समानता की हिफाजत करने तथा समाज को अंधकार में ले जाने की कोशिश करने के वालों के खिलाफ संदेश फैलाने की पहल के तहत इसका आयोजन किया गया. कार्यक्रम के औपचारिक शुभारंभ से पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने समाज सुधारक अय्यनकाली की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.


माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात और भाकपा नेता ऐनी राजा ने भी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कासरगोड में महिला मानव श्रृंखला का नेतृत्व किया.


सरकारी कर्मचारियों और टेक्नोपार्क कर्मचारियों को भी इसमें शामिल होने को कथित तौर पर कहा गया था, जिस पर मुख्य विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने इसे जातीय और विरोधाभासों की दीवार कहा.


(इनपुट-भाषा)