विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विजयवाड़ा (Vijayawada) से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स जब अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करके श्मशान घाट से घर लौटा तो उसने देखा कि पत्नी तो घर पर है और जिंदा है. वह गुस्से में है कि उसे कोई लेने क्यों नहीं आया. इस मामले की सोशल मीडिया पर अब खूब चर्चा हो रही है.


अस्पताल प्रशासन ने बताया पत्नी की हो गई मौत


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मिरर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, शख्स की पत्नी कोरोना (Coronavirus) संक्रमित हो गई थी. वह हॉस्पिटल में भर्ती थी. शख्स अपनी पत्नी से मिलने हर दिन जाता था. लेकिन जब वह बीते 15 मई को हॉस्पिटल पहुंचे तो उसे अस्पताल प्रशासन की तरफ से बताया गया कि उसकी पत्नी की मौत हो गई है. पत्नी की बॉडी आपको बैग में पैक करके दी जा रही है, बिना पीपीई किट, मास्क और ग्लव्स पहनें बॉडी को न छुएं.


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मां-बेटे का अंतिम संस्कार हुआ एक साथ


इसके बाद शख्स अंतिम संस्कार के लिए अपनी पत्नी के शव को अपने पैतृक गांव ले गया. इस बीच खबर आई की उसके बेटे की भी मौत हो गई है. घर में मातम का माहौल छा गया. फिर तय किया गया कि मां और बेटे का अंतिम संस्कार एक साथ किया जाएगा.


घर लौटने पर जिंदा मिली पत्नी


फिर जब अंतिम संस्कार करके शख्स अपने घर लौटा तो उसने देखा कि पत्नी तो जिंदा है. उसे पैसे उधार लेकर टैक्सी करके घर आना पड़ा. वह इस बात से नाराज थी कि डिस्चार्ज के वक्त हॉस्पिटल में उसे लेने कोई नहीं आया. महिला की उम्र करीब 75 साल है.


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अस्पताल की लापरवाही आई सामने


इस मामले के खुलासे के बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. पीड़ित परिवार को किसी और का शव दे दिया गया था जबकि महिला जिंदा थी. कोरोना संक्रमित होने की वजह से किसी ने बैग खोलकर मृतक महिला का चेहरा नहीं देखा, इस कारण से शव के किसी और का होने का पता नहीं लगा.


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