नई दिल्ली:  एयर चीफ मार्शल बी.एस.धनोआ ने मंगलवार को कहा कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) युद्ध की किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है, चाहे यह पूर्ण युद्ध हो या करगिल विवाद जैसी लड़ाई हो या आतंकवादी हमले की जवाबी कार्रवाई हो. 


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ऑपरेशन सफेद सागर की 20वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक सेमिनार में वायु सेना प्रमुख ने कहा, 'यह पहली बार था कि मिग-21 विमान ने पर्वतों पर रात में हवा से जमीन पर बमबारी की.'  ऑपरेशन सफेद सागर, करगिल युद्ध के दौरान हुआ हवाई ऑपरेशन था.


करगिल युद्ध के दौरान 17 स्क्वाड्रन में कमांडिंग अधिकारी थे धनोआ
1999 के करगिल युद्ध के दौरान एयर चीफ मार्शल (सीएएस) धनोआ, 17 स्क्वाड्रन में कमांडिंग अधिकारी थे और वह श्रीनगर से कार्य संचालन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आईएएफ ने संघर्ष के दौरान परिचालन सीमाओं से पार पाने के लिए कुछ नए तरीके अपनाए. 


उन्होंने कहा, 'हालांकि, करगिल युद्ध के बाद के घटनाक्रम ने वायु सेना की क्षमता में कुछ इस तरह बदलाव कर दिया कि अब यह किसी तरह के हवाई हमले का जवाब देने में सक्षम है.'


1999 के बाद आईएएफ की शक्ति किस तरह से बढ़ी है, इस पर सीएएस ने कहा, 'करगिल युद्ध के दौरान सटीक बमबारी की क्षमता सिर्फ मिराज-2000 में मौजूद थी जो अब सू-30 जगुआर, मिग-29 व मिग-27 अपग्रेड विमान में उपलब्ध है. वर्तमान में मिग-29, सू-30 व मिराज-2000 विमान बीवीआर मिसाइलें ले जाने में सक्षम हैं.'