नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में खराब होती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारत काबुल से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों में सफल रहा है. इसके तहत 3 उड़ानों के जरिए 2 अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया गया. इसी बीच कतर में भारतीय दूतावास ने रविवार शाम को कहा कि 146 भारतीय नागरिक, जिन्हें अफगानिस्तान से निकालकर दोहा ले जाया गया था, उन्हें रविवार रात भारत वापस लाया जा रहा है.


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हिंडन एयर बेस लाया गया


भारतीय वायुसेना के सी-17 सैन्य परिवहन विमान के जरिए 107 भारतीयों और 23 अफगान सिखों व हिंदुओं समेत कुल 168 लोगों को सुबह काबुल से दिल्ली के पास हिंडन एयर फोर्स बेस पर लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि 87 भारतीयों और 2 नेपाली नागरिकों के एक अन्य ग्रुप को दुशाम्बे से एयर इंडिया के एक स्पेशल विमान से वापस लाया गया. इससे एक दिन पहले उन्हें भारतीय वायु सेना के एक विमान IAF 130J के जरिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे ले जाया गया था.


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कई देशों की मदद से भारत पहुंचे लोग


इस बीच, अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिनों में काबुल से दोहा ले जाए गए 135 भारतीयों के एक समूह को एक विशेष विमान से दोहा से दिल्ली लाया गया. भारत ने अमेरिका, कतर, ताजिकिस्तान और कई अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय स्थापित करके अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने का अभियान चलाया है. कतर में भारतीय मिशन ने रात लगभग आठ बजे ट्वीट किया, 'अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाया जा रहा है. अफगानिस्तान से दोहा लाए गए 146 भारतीय नागरिकों का दूसरा समूह आज भारत वापस लाया जा रहा है.' 


अफगानी सांसदों ने भारत को कहा धन्यवाद


अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने के अभियान से अवगत अधिकारियों ने बताया कि काबुल से लाए गए 168 लोगों के ग्रुप में अफगान सांसदों अनारकली होनारयार (Anarkali Kaur Honaryar) और नरेंद्र सिंह खालसा (Narendra Singh Khalsa) एवं उनके परिवार भी शामिल हैं. खालसा ने दिल्ली के निकट हिंडन एयरबेस पर पत्रकारों से कहा, 'भारत हमारा दूसरा घर है, भले ही हम अफगान हैं और उस देश में रहते हैं लेकिन लोग अक्सर हमें हिंदुस्तानी कहते हैं. मदद के लिए हाथ बढ़ाने के लिए मैं भारत को धन्यवाद देता हूं.'


भारत पहुंचने पर भावुक होते हुए खालसा बोले 'मुझे रोने का मन कर रहा है. सब कुछ समाप्त हो गया है. देश छोड़ने का यह एक बहुत ही कठिन और दर्दनाक निर्णय है. हमने ऐसी स्थिति नहीं देखी है. सब कुछ छीन लिया गया है. सब खत्म हो गया है.' रविवार को लोगों को निकाले जाने के साथ ही काबुल से भारत द्वारा निकाले गए लोगों की संख्या पिछले सोमवार से लगभग 590 तक पहुंच गई. 


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समर्थन पर जताया आभार


भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई (Farid Mamundzay) ने समर्थन के संदेशों के लिए भारतीय मित्रों को ट्विटर पर धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, मैं पिछले कुछ हफ्तों, विशेषकर पिछले 7-8 दिनों में अफगानों की पीड़ा पर सभी भारतीय मित्रों और नई दिल्ली में राजनयिक मिशनों के सहानुभूति और समर्थन संदेशों की सराहना करता हूं. मामुन्दजई ने कहा कि उनका देश एक कठिन समय से गुजर रहा है और केवल बेहतर नेतृत्व, सहानुभूतिपूर्ण रवैये और अफगान लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन से ही मुसीबतों का अंत होगा.


आए हुए लोग विदेशी कंपनियों के कर्मी हैं 


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विमान के हिंडन पर उतरने से कुछ घंटों पहले ट्वीट किया था कि, 'भारतीयों को वापस लाने का अभियान जारी है. भारत के 107 नागरिकों समेत 168 यात्री भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से काबुल से दिल्ली लाए जा रहे हैं.' ऐसा बताया जा रहा है कि काबुल से दोहा लाए गए भारतीय अफगानिस्तान स्थित कई विदेशी कंपनियों के कर्मी हैं.


बताते चलें कि तालिबान द्वारा पिछले रविवार को काबुल पर कब्जा जमाने के बाद भारत अफगान राजधानी से पहले ही भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायुसेना के दो C-19 परिवहन विमानों के जरिये वहां से निकाल चुका है. सोमवार को 40 से ज्यादा भारतीयों को लेकर पहली उड़ान भारत पहुंची थी. भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों और वहां फंसे कुछ भारतीयों समेत करीब 150 लोगों के साथ दूसरा C-17 विमान मंगलवार को भारत पहुंचा था.


अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने अफगानिस्तान में इस महीने तेजी से अपने पांव पसारते हुए राजधानी काबुल समेत वहां के अधिकतर इलाकों पर कब्जा जमा लिया है. इन लोगों की वापसी के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अब ध्यान अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर होगा.


मदद के लिए आए 2,000 से अधिक फोन कॉल 


विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार के लिए तात्कालिक प्राथमिकता अफगानिस्तान में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक सूचना प्राप्त करना है. मंत्रालय ने भारतीयों के साथ ही उनके एम्पलोयर्स से भी अनुरोध किया है कि वे स्पेशल अफगानिस्तान सेल के साथ जरूरी जानकारी तत्काल शेयर करें. सूत्रों ने कहा है कि इस सेल को 2,000 से अधिक फोन कॉल आए हैं और इस सेल के ऑपरेशन के पहले पांच दिनों के दौरान 6,000 से ज्यादा वॉट्सऐप पर लोगों को रिप्लाई किया है और साथ ही सेल ने 1200 से अधिक ई-मेल का जवाब भी दिया.


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