अफगानिस्तान में आतंकी अड्डे बनाने में जुटा PAK, हक्कानी नेटवर्क कर रहा मदद
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अफगानिस्तान में आतंकी अड्डे बनाने में जुटा PAK, हक्कानी नेटवर्क कर रहा मदद

तालिबान के कब्जे के बाद अब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बड़ी साजिशें रचने का खेल शुरू कर दिया है. भारत के खिलाफ सक्रिय आतंकी कैंप्स को उसने अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से (Eastern) और दक्षिणी (Southern) हिस्सों में शिफ्ट करना शुरू दिया है.

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का कब्जा होने के बाद आम जनता पहले ही डर के साये में है. इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने इशारा किया है कि अब पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रचनी शुरू कर दी है. भारत के खिलाफ सक्रिय आतंकी कैंप्स को उसने अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से (Eastern) और दक्षिणी (Southern) हिस्सों में शिफ्ट करना शुरू दिया है.

  1. अफगानिस्तान में पाक बना रहा है आतंकी गढ़
  2. FATF की कार्रवाई से डरता है पाक
  3. हक्कानी नेटवर्क की मदद के सहारे पाक

FATF की कार्रवाई से बचना चाहता है PAK 

Zee Media को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने लश्कर के कई कैंप्स को अफगानिस्तान के ईस्टर्न एरिया में शिफ्ट किया है, तो वहीं जैश के कैंप्स को अफगानिस्तान के दक्षिणी हिस्से में शिफ्ट किया गया है. लश्कर और जैश के इन सभी कैंप्स में भारत और अफगानिस्तान में हमले के लिए आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है. जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान से टेरर कैंप्स को अफगानिस्तान में शिफ्ट करने के पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि पाकिस्तान जहां एक ओर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्रवाई से बचना चाहता है. वहीं दूसरी ओर वो दुनिया को ये बताना चाहता है कि उसके देश में न तो कोई आतंकी कैम्प है और न ही उसका आतंक से कोई संबंध है.

हक्कानी नेटवर्क के सहारे पाक

पाकिस्तान की ISI ने अफगानिस्तान में बदले हालात का फायदा उठाना शुरू कर दिया है. ISI अब हक्कानी नेटवर्क की मदद से लश्कर के कैंप्स को अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में शिफ्ट कर रही है, तो वहीं तालिबान की मदद से जैश के टेरर कैंप्स को अफगानिस्तान के दखिण में शिफ्ट किया जा रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि जैश और तालिबान के बीच अच्छे संबंध है और इससे पहले भी अफगानी सैनिकों के खिलाफ कई हमलों को दोनों ने मिलकर अंजाम दिया था. गौरतलब है कि तालिबान के कई गवर्नर जैश के आतंकी रह चुके हैं.

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ISI ने किया था तालिबान को Trained

पाकिस्तान के पेशावर में जैश के कैंप्स में ISI ने तालिबान को ट्रेनिंग देने का काम किया था. सिर्फ इतना ही नहीं जैश के कई सीनियर कमांडर्स ने तालिबान के साथ मिलकर अफगानी सैनिकों पर हमले की कार्रवाई को अंजाम दिया था. सुरक्षा एजेंसियों को ये आशंका है कि तालिबान के हाथ लगे हथियारों के जखीरे को अब लश्कर और जैश के आतंकियो को सौंपा जा रहा है.

भारत को निशाना बनाने की है साजिश

सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट के अनुसार ISI लगातार कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले की साजिशों में लगी हुई है. सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी नोटिस किया है कि लाइन ऑफ कंट्रोल पर बने लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों की संख्या बढ़ रही है और वो भारत में घुसपैठ करने की लगातार कोशिशों में लगे हुए हैं. आतंकी जम्मू से सटे अंतराष्ट्रीय सीमा के जरिये घुसपैठ करने की भी कोशिश कर रहे हैं जिससे जम्मू को टारगेट किया जा सकें. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से अब तक 92 आतंकी सुरक्षा बलों के हाथों मारे जा चुके हैं जिनमें से 12 विदेशी आतंकी हैं. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान अभी भी अमेरिका और यूके को ये समझाने में लगा है कि तालिबान पूरी तरह से बदल गया है और अब वो पहले वाला तालिबान नहीं रहा जिससे वो अफगानिस्तान में अपना प्रभुत्व पूरी तरह जमा सके.

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