नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च  (ICMR) की उड़ीसा ब्रांच में ब्रेकथ्रू इंफेक्शन पर एक स्टडी की गई है. इसका मकसद ये पता लगाना था कि अगर कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगने बाद कोई शख्स कोविड-19 से संक्रमित हो जाता है तो उसपर वायरस का कैसा और कितना असर रहेगा.


361 सैंपलों की हुई जांच


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भुवनेश्वर में की गई इस स्टडी में 361 सैंपल की जांच की गई. इसमें से 274 सैंपल उन लोगों के थे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं और उसके 14 दिन बाद उन्हें कोरोना वायरस हुआ. इन 274 लोगों में से 35 लोगों को कोवैक्सीन (Covaxine) लगाई गई थी, और अन्य 239 लोगों को कोवीशील्ड (Covishield) का टीका लगा था. इसके अलावा, 83% से ज्यादा लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए थे, जबकि 14% लोगों में कोविड के लक्षण मिले ही नहीं थे. 


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कोविशील्ड से बनीं ज्यादा एंटीबॉडी


वहीं सिर्फ 9% को अस्पताल जाने की जरूरत पड़ी थी, और एक व्यक्ति की मौत हुई. 1 मार्च से 10 जून के बीच की गई इस स्टडी में एक अहम बात यह सामने आई कि 258 लोगों में यानी 94% में एंटीबॉडी बनी थी. जिन लोगों को कोवीशील्ड वैक्सीन लगी थी, उनमें एंटीबॉडी 96.7% थी. जबकि जिन लोगों को को वैक्सीन लगी थी उनमें एंटीबॉडी 77% बनी. जिन लोगों को कोरोना वायरस का इंफेक्शन हुआ उनकी औसत उम्र 47 वर्ष थी. हालांकि वैक्सीन के बाद कोरोना होने पर खतरा काफी कम रहता है.


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