Priyanka Gandhi: अगर प्रियंका संसद में बैठेंगी तो सेंटर ऑफ अट्रैक्शन वो होंगी या फिर राहुल गांधी?
Priyanka Gandhi: कांग्रेस में फिलहाल चर्चा में राहुल गांधी नहीं, प्रियंका गांधी हैं. सोशल मीडिया पर अलग ही चल रहा है कि कल को प्रियंका संसद में बैठेंगी और बोलेंगी तो सेंटर ऑफ अट्रैक्शन वो होंगी या फिर राहुल गांधी होंगे?
Priyanka Gandhi: कांग्रेस में फिलहाल चर्चा में राहुल गांधी नहीं, प्रियंका गांधी हैं. सोशल मीडिया पर अलग ही चल रहा है कि कल को प्रियंका संसद में बैठेंगी और बोलेंगी तो सेंटर ऑफ अट्रैक्शन वो होंगी या फिर राहुल गांधी होंगे? अगर प्रियंका हुईं तो फिर राहुल गांधी का ग्राफ कैसे ऊपर उठ सकेगा? संकेत कई दिन से थे कि राहुल गांधी जो भी सीट छोड़ेंगे, वहां से प्रियंका लड़ सकती हैं. फाइनली ऐलान भी हो गया कि राहुल रायबरेली सीट रखेंगे और प्रियंका गांधी वायनाड के रास्ते संसद में पहुंचेंगी.
वायनाड के लिये गांधी के बदले गांधी
प्रियंका राजनीति में वर्षों से हैं, लेकिन ये उनका पहला चुनाव होगा. आगे का सवाल है कि कांग्रेस ने वायनाड के लिये उन्हें ही क्यों चुना? वो लड़ेंगी कैसे, वायनाड में उनके मुद्दे क्या होंगे और चुनौतियां क्या होंगी? प्रियंका ही क्यों.. का जवाब ये है कि गांधी के बदले गांधी वायनाड के लिये रिवॉर्ड होगा. केरल भी संतुष्ट रहेगा क्योंकि इस बार कांग्रेस को उसने 20 में से 14 सीटें दी हैं.
वायनाड से प्रियंका को जीतने में दिक्कत नहीं होगी
कैसे लड़ेंगी.. का जवाब ये है कि राहुल गांधी वायनाड में 3 लाख 64 हज़ार वोटों से जीते थे. इस हिसाब से प्रियंका को यहां से जीतने में बड़ी दिक्कत नहीं आनी चाहिये. प्रियंका उन्हीं राष्ट्रीय मुद्दों पर चुनाव में उतरेंगी जिनपर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था... हांलाकि 5 गारंटियां ना चलें, क्योंकि केंद्र में बीजेपी की मोदी सरकार अब बन चुकी है. चैलेंज ये हो सकते हैं कि वायनाड से धोखे के आरोप लगें. पूछा जाए प्रियंका को पहले ही क्यों नहीं लड़ा दिया? दो-दो चुनाव क्या वक्त और पैसे की बर्बादी नहीं है?
CPI का हमला...
राहुल गांधी ने वायनाड सीट INDIA अलायंस की ही पार्टनर पार्टी CPI को हराकर जीती है. बहुत मुमकिन है, लेफ्ट का कैडर वायनाड से धोखेबाज़ी का नैरेटिव खड़ा करके अब प्रियंका के लिये परेशानी खड़ा करे. CPI नेता एनी राजा ने कहा कि राहुल गांधी को पहले ही वायनाड कि जनता को ये बताना चाहिए था कि वो दो जगहों से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.. उन्होंने ये बात छुपाकर रखा था. ये वायनाड की जनता के साथ नाइंसाफ़ी है.
प्रियंका के लिए वायनाड में चुनौतियां
प्रियंका को वायनाड से लड़ाने में कांग्रेस के 2 और मकसद हैं. पहला- वायनाड सीट बचाए रखना. और दूसरा- दक्षिण में गांधी परिवार की मौजूदगी रखना. वहीं बीजेपी ने अभी से प्रियंका के खिलाफ़ अपनी लिस्ट में दो मुद्दे नोट कर लिये हैं. पहला वायनाड से धोखेबाज़ी और दूसरा परिवारवाद. जिस तरह से कांग्रेस ने भी रियेक्ट किया, उससे साफ नजर आया कि प्रियंका की चुनौतियों का उसे भी अंदाज़ा है.
राहुल के वायनाड छोड़ने से रायबरेली में जश्न
लेकिन आचार्य प्रमोद कृष्णम प्रियंका की उम्मीदवारी को अलग एंगल से देख रहे हैं. यहां बता दें कि प्रमोद कृष्णम कांग्रेस में थे तो प्रियंका कैंप के माने जाते थे. वो प्रियंका को राहुल से ज़्यादा टैलेंटेड बताते रहे हैं. प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ये प्रियंका का अपमान है, उनका कद घटाने की कोशिश है. बहरहाल, राहुल के वायनाड छोड़ने से रायबरेली में जश्न है, उधर वायनाड की कांग्रेस प्रियंका के आने से खुश है. वायनाड के वोटर ने भी सोचना शुरू कर दिया है कि प्रियंका जीतीं तो वायनाड में कितना रुकेंगी? या आएंगी और अमेठी-रायबरेली निकल जाया करेंगी?