Vinesh Phogat: बहनों के लिए आवाज उठाना लालच है तो यह अच्छा है.. साक्षी के आरोपों पर विनेश का पलटवार
Sakshi Malik Allegations: विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर लालच का आरोप लगाकर साक्षी मलिक ने नई बहस को जन्म दे दिया है. साक्षी के आरोपों का खंडन करते हुए अब कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने पलटवार किया है.
Sakshi Malik Allegations: विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर लालच का आरोप लगाकर साक्षी मलिक ने नई बहस को जन्म दे दिया है. साक्षी के आरोपों का खंडन करते हुए अब कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हमें किस बात का लालच? आपको उनसे (साक्षी मलिक) ही पूछना चाहिए. साक्षी मलिक ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर साथी पहलवानों पर आरोप लगाए हैं.
हमें किस बात का लालच?
विनेश फोगाट ने साक्षी मलिक के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमें किस बात का लालच? आपको उनसे ही पूछना चाहिए. अगर बहनों के लिए आवाज उठाना लालच है, तो मैं लालची हूं और यह अच्छा भी है. अगर देश के लिए ओलंपिक पदक लाना लालच है तो यह अच्छा है. बृज भूषण शरण सिंह की तरफ इशारा करते हुए विनेश ने कहा कि मैंने अच्छे कारण के लिए लड़ाई लड़ी थी. लड़ाई अब भी चल रही है. जब तक दोषी को सजा नहीं मिल जाती, यह लड़ाई जारी रहेगी.
साक्षी मलिक की किताब में चौंकाने वाली बातें
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पूर्व पहलवान साक्षी मलिक ने हाल में रिलीज हुई अपनी किताब ‘विटनेस’ में अपने करियर और संघर्षों का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले ने उनके और अन्य पहलवानों के विरोध प्रदर्शन की छवि को प्रभावित किया.
बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप
याद दिला दें कि साक्षी ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. उन्होंने बताया कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उन पर दबाव डालना शुरू किया, तब उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी. उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने उनके आंदोलन को स्वार्थी बना दिया, जिससे कई समर्थक यह सोचने लगे कि वे केवल अपने हितों के लिए विरोध कर रहे हैं.
साक्षी मलिक ने लगाए गंभीर आरोप
बजरंग और विनेश ने हाल में कांग्रेस पार्टी से जुड़कर राजनीति में कदम रखा. किताब में साक्षी ने पूर्व पहलवान बबीता फोगाट पर भी आरोप लगाया कि वह अपनी स्वार्थी मंशाओं के लिए इस आंदोलन का फायदा उठाना चाहती थीं. साक्षी ने अपने बचपन के एक दर्दनाक अनुभव को भी साझा किया, जब वह एक शिक्षक द्वारा छेड़छाड़ का शिकार हुईं, लेकिन वह अपने परिवार को इस बारे में बताने से कतराईं क्योंकि उन्हें लगा कि यह उनकी गलती थी. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने उनकी पुरस्कार राशि का अधिकांश हिस्सा ले लिया. इस किताब में उनके व्यक्तिगत संघर्षों के अलावा कुश्ती की दुनिया में मौजूद जटिलताओं पर भी प्रकाश डाला गया है.