Ravi Rana: महाराष्ट्र के अमरावती की लोकप्रिय नेता नवनीत राणा के विधायक पति रवि राणा के बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. उन्होंने एक कार्यक्रम में ये कह दिया कि.. अगर मुझे वोट नहीं दिया तो मैं ‘लाड़की बहिन’ योजना के पैसे आपके खाते से ले लूंगा. जिसके बाद से कांग्रेस, राकांपा समेत अन्य विपक्षी दल शिंदे सरकार को घेरने में लग गए हैं. इस मामले पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणविस को डैमेज कंट्रोल करना पड़ा.


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क्या कहा रवि राणा ने?


महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी एवं अमरावती जिले के बडनेरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रवि राणा ने कहा कि अगर महिलायें आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें वोट नहीं देंगी तो वह ‘लाड़की बहिन’ वित्तीय सहायता योजना के तहत उन्हें दिये गये पैसे वापस ले लेंगे.


देवेंद्र फडणवीस ने कहा..


कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) द्वारा राणा की टिप्पणी की आलोचना करने और इस योजना को राजनीति से प्रेरित करार देने के बाद, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि एक भाई द्वारा अपनी बहनों को दिया गया उपहार कभी वापस नहीं लिया जा सकता.


राणा को देनी पड़ गई सफाई


विपक्षी दलों की आलोचना के बाद राणा ने दावा किया कि उन्होंने यह टिप्पणी मजाक में की थी. एकनाथ शिंदे सरकार की प्रमुख ‘मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना’ के तहत राज्य की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे.


अगर आपने अपना आशीर्वाद नहीं दिया..


राणा ने सोमवार को अमरावती में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘चुनाव के बाद मैं इस राशि को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये (प्रति माह) करने की मांग करूंगा. मैं आपका भाई हूं... लेकिन अगर आपने अपना आशीर्वाद नहीं दिया, तो मैं आपके बैंक खातों से 1,500 रुपये वापस ले लूंगा.’’ राणा की पत्नी एवं पूर्व सांसद तथा भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार नवनीत राणा को अमरावती संसदीय क्षेत्र से इस साल हुये आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था .


महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक सहायता देने का प्रस्ताव


‘महायुति’ सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर की गई रवि राणा की टिप्पणी से गठबंधन को होने वाले नुकसान और विपक्ष को बढ़त मिलने के खतरे के आलोक में, विधायक ने दावा किया कि वह हल्के-फुल्के अंदाज में बोल रहे थे. ‘मुख्यमंत्री माझी लडकी बहिन योजना’ में राज्य में 21-65 वर्ष आयु की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक सहायता देने का प्रस्ताव है. 


फडणवीस ने विपक्ष को घेरा


जलगांव में एक समारोह को संबोधित करते हुए फडणवीस ने पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार पर महिला सशक्तीकरण की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘भाई द्वारा अपनी बहनों को दिया गया उपहार कभी वापस नहीं लिया जाता. इस योजना की आलोचना करने वालों ने सत्ता में रहते हुए महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया. उन्हें अब (महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई योजना को लेकर) दर्द हो रहा है. अगर हम अपनी बहनों के जीवन के बोझ का कुछ हिस्सा साझा करते हैं, तो उन्हें इससे क्या समस्या है.’ विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) ने लड़की बहिन योजना के तहत 1,500 रुपये की ‘मामूली’ मासिक सहायता पर सवाल उठाया है. इस आलोचना का जवाब देते हुए भाजपा नेता फडणवीस ने कहा, ‘1,500 रुपये से बहनों का प्यार नहीं खरीदा जा सकता.’


पवार और शिंदे ने क्या कहा..


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक समारोह को संबोधित करते हुये विकासोन्मुख शासन पर जोर दिया. पवार महायुति सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के धड़े का नेतृत्व कर रहे हैं. अजित ने कहा, ‘अगर आप चाहते हैं कि विकास से संबंधित सभी कार्य जारी रहें तो हमारे पक्ष में मतदान करिये .’ शिंदे ने कहा कि लड़की बहिन योजना को सावधानीपूर्वक और योजना बनाकर तैयार किया गया है. उन्होंने मांग की कि इस योजना को ‘भिक्षा एवं रिश्वत’ कहने वाले आलोचकों को सबक सिखाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इसे आठ से दस महीने की योजना और तैयारियों के बाद शुरू की गई है .’’


विपक्ष ने घेरा


राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि रवि राणा की टिप्पणी से लड़की बहिन योजना के राजनीतिक मकसद का पता चलता है. उन्होंने सवाल किया कि इस योजना के तहत वितरित किया गया पैसा राणा का है, मुख्यमंत्री का है या उपमुख्यमंत्री का. राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने राणा को पैसे वापस लेने की धमकी पर अमल करने की चुनौती दी. सुले ने कहा, ‘अगर महिलाओं को इस तरह से धमकाया जाता है...तो ऐसा करें और फिर देखें कि मैं क्या करती हूं.’


मैंने जो कहा वह हास्य के तौर पर था..


आलोचनाओं के बीच राणा ने मंगलवार को अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुये दावा किया, ‘मैंने जो कहा वह हास्य के तौर पर था. जब मैंने यह कहा तो महिलाएं हंसने लगीं. विपक्षी नेताओं ने इस पर अनावश्यक रूप से हंगामा किया.’’


(एजेंसी इनपुट के साथ)