नई दिल्ली: Covid-19 मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अगले दो-तीन हफ्तों में इससे राहत मिलने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के वैज्ञानिकों ने महामारी के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए 'गणितीय मॉडल' के अधार पर टाइम और पीक को लेकर नया अनुमान जारी किया है.


क्या है नया अनुमान?


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नई रिसर्च के मुताबिक 14-18 मई के दौरान कोरोना के एक्टिव केस (Corona Active Cases) 38-48 लाख तक पहुंच सकते हैं, जबकि अगले 10 दिनों में रोजाना आने वाले नए मामलों (Corona New Cases) की संख्या 4.4 लाख तक पहुंच सकती है. आईआईटी-कानपुर के मणींद्र अग्रवाल ने कहा, 'मैंने अब पीक की टाइमिंग के लिए कई Values की गणना की है और पिछले नंबर में बदलाव हुआ है. इस अनिश्चितता का कारण लास्ट फेज तक लगातार पैरामीटर्स का बदलना है.'


पिछले साल की तुलना में क्या होंगे हालात?


मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक नई रिसर्च के मुताबिक एक्टिव केसेज के लिए पीक की टाइमिंग 14-18 मई और नए केसेज के लिए 4-8 मई है. पीक के दौरान एक्टिव केसेज 38-48 लाख और नए केसेज 3.4-4.4 लाख होंगे. उन्होंने पिछले सप्ताह भी इस तरह की भविष्यवाणी के महत्व के बारे में बताया था. उन्होंने  'गणितीय मॉडल सूत्र' का उल्लेख करते हुए बताया था कि कोरोना की दूसरी लहर पीक पर कब होगी. अग्रवाल के मुताबिक भारत में एक्टिव केसेज की संख्या में गिरावट से पहले मिड मई तक लगातार वृद्धि होती रहेगी. मौजूदा मॉडल के अनुसार इस बार, पीक के दौरान पिछली साल की तुलना में एक्टिव केस लगभग चार गुना अधिक होंगे. 


पिछले हफ्ते भी जारी हुई थी स्टडी


बता दें, पिछले हफ्ते बीते 7 दिनों में (20 April से पहले के दिन) देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर IIT ने एक मैथमेटिकल स्टडी की जारी की थी. इस स्टडी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि मई के पहले हफ्ते में कोरोना वायरस (Coronavirus) पीक पर होगा और फिर उसकी रफ्तार घटने लगेगी.  


पीक पर कहां पहुंचेगा आंकड़ा?


कहां पहुंचेगा कोरोना का आंकड़ा? इस सवाल के जवाब में आईआईटी की पिछली स्टडी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 35000 केस रोजाना आ सकते हैं. दिल्ली में यह संख्या 30000 प्रतिदिन हो सकती है. पश्चिम बंगाल में 11000, राजस्थान में 10000 और बिहार में 9000 प्रतिदिन के हिसाब से कोरोना वायरस केस देखे जा सकते हैं.


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स्टडी का क्या है आधार?


IIT प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक यह स्टडी गणित विज्ञान के आधार पर की गई है. उन्होंने बताया कि पीक के बाद केस कम होंगे. उनका मानना है कि यह कोरोना वायरस सात दिन तक अधिक प्रभावी रहेगा. देश के जिन राज्यों में कोरोना वायरस ज्यादा घातक है वहां के केस और वायरस का अध्ययन करते हुए डेट के अनुसार ग्राफ तैयार किया है. हर राज्य के लिए अलग-अलग ग्राफ तैयार करते हुए कोरोना का पीक टाइम बताया गया था.


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