What is Kushinagar Illegal Mosque Controversy: पहले चोरी ऊपर से सीनाजोरी ये कहावत आपने कई बार सुनी होगी लेकिन यूपी के कुशीनगर में ये कहावत एक मस्जिद के लिए सटीक बैठ रही है. दरअसल सरकारी जमीन पर एक मस्जिद खड़ी कर दी गई और ईदगाह बना दिया गया. जब लोगों ने सरकारी जमीन पर अवैध मस्जिद की शिकायत की तो उल्टा धमकियां दी जाने लगीं और वो भी दाऊद इब्राहिम के नाम से.


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सरकारी जमीन पर कब्जा कर बना दी मस्जिद


कुशीनगर के तमकुहीराज के गहड़िया चिंतामणि गांव से गुजरने वाली सड़क के किनारे लोक निर्माण विभाग की जमीन पर थी. जिस पर बरसों से कब्जा है. इस कब्जे को हटाने की मांग बार-बार प्रशासन से की जा रही है. कुछ लोगों ने अवैध निर्माण की शिकायत की तो उन्हें सोशल मीडिया से धमकी दी जा रही है. शिकायकर्ता रविंद्र शाही का आरोप है कि सोशल मीडिया के जरिए उनके पूरे खानदान को मारने की धमकी मिली है. 


शिकायत पर दाउद के नाम से दी जा रही धमकी


धमकी देने वाले सोशल मीडिया प्रोफाइल पर दाऊद इब्राहिम की फोटो लगी है. मतलब कोई शिकायतकर्ता को दाऊद इब्राहिम बनकर धमकी दे रहा है. पीड़ित शख्स ने धमकी की शिकायत पुलिस में कर दी है. वैसे जिस मस्जिद के खिलाफ रविंद्र किशोर शाही ने आवाज उठाई है. वो मस्जिद सरकारी संपत्ति पर बनी है..खुद इलाके के मुस्लिम मान रहे हैं. 


गांव के मुस्लिमों की दलील है कि इस अवैध निर्माण से कुछ ही लोगों को दिक्कत है..बाकी गांव के लोगों को इससे दिक्कत नहीं है. PWD की जमीन पर मस्जिद और ईदगाह का कब्जा धीरे-धीरे हुआ. पहले खाली पड़ी जमीन पर बाउंड्री घेर कर ईदगाह बनाया गया. कुछ सालों बाद PWD की बाकी बची खाली जमीन पर मस्जिद भी बना दी जहां अब रोजाना नमाज हो रही है. 


सड़क की जांच करवाने पर फूटा भांडा


कुशीनगर में सक्रिय सनातनी सेना को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत जिला प्रशासन सहित मुख्यमंत्री पोर्टल पर करते हुए इसके जांच की मांग की. शिकायतकर्ता रवींद्र किशोर शाही के अनुसार, 'मैंने एक सड़क की जांच करवाई थी. जिसमें अवैध रूप से मस्जिद और ईदगाह का निर्माण किया गया था. राजस्व विभाग की टीम आई उसका निरीक्षण किया रिपोर्ट लगाई कि ये सड़क की ज़मीन को क़ब्ज़ा करके बनाई गई है.' 


आम लोगों में बढ़ता जा रहा आक्रोश


सरकारी जमीन पर ईदगाह और मस्जिद के अवैध निर्माण पर जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग गंभीर नहीं है. अगर होता तो अब तक आम जनता के इस्तेमाल में आऩे वाली सड़क से अवैध कब्जा हट चुका होता. इस मुद्दे पर जिला प्रशासन की लापरवाही से आम लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है. इसके खिलाफ सनातनधर्मियों ने आंदोलन का मन बनाना शुरू कर दिया है.