नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग में देश को डॉक्टर सबसे बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और तभी उन्हें कोरोना वॉरियर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा दिया गया है. आम लोगों की तरह कोरोना से लड़ते हुए डॉक्टरों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने ऐसे डॉक्टरों का डाटा जारी किया है.


दिल्ली में सबसे ज्यादा मौतें


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कोरोना की दूसरी लहर देश के घातक साबित हुई है और इस दौरान लोगों का इलाज करते हुए संक्रमित होकर 594 डॉक्टरों को अपनी जान गंवानी पड़ी. आईएमए की ओर से जारी राज्यवार आंकड़ों के मुताबिक दूसरी लहर के दौरान सबसे ज्यादा 107 डॉक्टरों की मौत दिल्ली में हुई है. राजधानी पर दूसरी लहर का सबसे बुरा असर पड़ा है.



इसी तरह दिल्ली के बाद बिहार में सबसे ज्यादा डॉक्टरों ने जान गंवाई है. बिहार में 96 डॉक्टरों ऐसे थे जिनकी मौत कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई. इसके बाद सबसे ज्यादा आबादी वाले सूबे उत्तर प्रदेश का नंबर आता है, जहां 67 डॉक्टरों को कोरोना संक्रमण के बाद अपनी जान गंवानी पड़ी.


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महाराष्ट्र में 17 डॉक्टरों की मौत


आईएमए की ओर से राज्यवार सूची जारी की गई है. इस लिस्ट में चौकाने वाला आंकड़ा महाराष्ट्र का है जहां कोरोना का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिला था. फिर भी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिहाज से इस राज्य ने काफी बेहतर काम किया और यहां 17 डॉक्टरों को कोरोना से लड़ते हुए अपनी जान गंवानी पड़ी है.