West Bengal: `राजभवन से बाहर निकलें कोलकाता पुलिस के जवान...` बंगाल के गर्वनर ने क्यों दिया ऐसा आदेश
Mamata vs Benagal governer: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब हाल ही कोलकाता पुलिस के जवान ने BJP नेता शुभेंदु अधिकारी को राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया था.
Bengal News in Hindi: पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और गर्वनर सीवी आनंद बोस में तकरार जारी है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार सुबह राजभवन में तैनात कोलकाता पुलिस के जवान को तत्काल परिसर खाली करने का आदेश दिया है. गवर्नर सीवी बोस का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब हाल ही कोलकाता पुलिस के जवान ने BJP नेता शुभेंदु अधिकारी को राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया था.
एजेंसी के मुताबिक, राज्यपाल से जुड़े एक अधिकारी ने बताया है कि गर्वनर बोस राजभवन के उत्तरी द्वार के पास स्थित पुलिस चौकी को 'जन मंच' में बदलने की योजना बना रहे हैं. अधिकारी ने आगे बताया कि राज्यपाल ने प्रभारी अधिकारी सहित राजभवन के अंदर तैनात पुलिस अधिकारियों को तत्काल परिसर खाली करने का आदेश दिया है.
शुभेंदु अधिकारी को राजभवन जाने की नहीं मिली थी अनुमति
कुछ दिन पहले कोलकाता पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी और राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों को राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया था. ये सभी लोग गर्वनर बोस से मिलने जा रहे थे. राज्यपाल ने भी इसके लिए लिखित अनुमति दी थी.
लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी रैलियों में राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर गंभीर आरोप लगाए थे. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने एक महिला का शोषण किया है. ममता ने दावा किया था कि उसका वीडियो फुटेज भी उसके पास है.
10 हजार कार्यकर्ताओं को घर छोड़कर भागना पड़ाः भाजपा
लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित हिंसा के बाद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे बिप्लब कुमार देब ने दावा किया है कि हिंसा और धमकी के कारण पश्चिम बंगाल में करीब 10,000 भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पंचायत चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल आए थे. उन्होंने दावा किया कि तब भी राज्य में हिंसा हुई थी और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के बाद भी यही दोहराया जा रहा है.