नई दिल्ली: INS विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर (INS Vikrant  Aircraft Carrier) आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान है क्योंकि इसे पूरी तरह से देश में ही तैयार किया गया है. तकनीक से लेकर कलपुर्जों तक यहां तक कि जहाज में इस्तेमाल होने वाला स्टील भी भारत में बना है. INS विक्रांत का जिक्र आज पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लाल क़िला (Red Fort) से राष्ट्र के नाम संबोधन में भी किया.


दुश्मनों का काल INS विक्रांत


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भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत इंडियन नेवी की वो ताकत है जिसके नौसेना में शामिल होने के बाद सागर में कोई भी दुश्मन भारत पर आंख उठाने की जुर्रत नहीं कर सकेगा.


पिछले दिनों इस स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत का पहली बार समुद्र में ट्रायल हुआ. पांच दिन की अपनी पहली यात्रा में विक्रांत के हर सिस्टम ने अपना पूरा काम किया. ट्रायल के बाद ये एयरक्राफ्ट कैरियर अब नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है.


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समुद्र में तैरता हुआ एयरबेस


दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब हवाई कार्रवाई की महत्ता पूरी दुनिया को समझ में आई तो एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की शुरुआत हुई. एयरक्राफ्ट कैरियर एक तैरता हुआ  एयरबेस है, जो समुद्र के जरिए कहीं पर भी ले जाया जा सकता है.



INS विक्रांत से डरता है पाकिस्तान


भारतीय नौसेना के पास पहला एयरक्राफ्ट कैरियर 1961 में आया था. तब उसका नाम भी INS विक्रांत ही था. INS विक्रांत ने ही 1971 की जंग में पाकिस्तान की हार में बड़ी भूमिका निभाई थी. 1997 में INS विक्रांत नौसेना से रिटायर हो गया.


बता दें कि INS विक्रांत के गौरवशाली इतिहास के कारण ही स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर का नामकरण भी INS विक्रांत पर ही किया गया है. इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर मिग-29 या तेजस जैसे लड़ाकू विमान तैनात किए जा सकते हैं. इसके अलावा सीकिंग, चेतक, कामोव या रोमियो हेलीकॉप्टर भी इस पर मौजूद रहेगा.


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INS विक्रांत एक दिन में समुद्र में 500 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है और एक साथ कई मिशन को अंजाम दे सकता है. यानी इस एयरक्राफ्ट कैरियर से दो या उससे ज्यादा ऑपरेशन एक साथ चलाए जा सकते हैं.


जान लें कि INS विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड में तैयार किया गया है और ट्रायल के बाद अब इसी शिपयार्ड में लंगर डाले हुए है. समंदर के इस नए शहंशाह की कई खूबियां हैं, जिन्हें आप जानेंगे तो आपका सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाएगा.


INS विक्रांत पर बिजली उत्पादन की क्षमता का अंदाजा आप इस बात से लगाइए कि इससे आधे कोच्चि शहर को बिजली की सप्लाई की जा सकती है. इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 1700 लोगों का खाना तैयार किया जा सकता है.


बता दें कि INS विक्रांत एक युद्धपोत है और युद्धपोत में पहली प्राथमिकता युद्धपोत को ताकतवर और आधुनिक रूप से मजबूत बनाने की रहती है लेकिन इस एयरक्राफ्ट कैरियर में नौसैनिकों की सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया है. 15 मंजिला इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर जिम, कैफेटेरिया तो है ही साथ ही मनोरंजन के भी साधन मौजूद हैं.


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