चीन बॉर्डर पर सब चंगा सी, सैनिकों के हटने की प्रक्रिया पर कितनी सहमति? ड्रैगन ने दिया बड़ा संकेत
Army at Border: चीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि बातचीत के माध्यम से चीन और भारत दोनों अपने मतभेदों को कम करने तथा एक-दूसरे की वैध चिंताओं को समायोजित करने का प्रयास कर रहे हैं. बातचीत को मजबूत करने पर सहमत होने के अलावा कुछ आम सहमति बनाने में सक्षम हुए हैं.
India China Border: सीमा विवाद सुलझाने को लेकर भारत और चीन के बेच लंबे समय से बात चल रही है. इसी बीच चीनी अधिकारियों ने कहा है कि कुछ सहमति बनती दिख रही है. असल में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों देश मतभेदों को कम करने और टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर कुछ आम सहमति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. दोनों पक्षों को स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए अधिकारी बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए हैं.
एक-दूसरे के साथ संपर्क बनाए रखा
असल में चीनी रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को यह बात कही है. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग जियाओगांग ने कहा कि चीन और भारत ने राजनयिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से एक-दूसरे के साथ संपर्क बनाए रखा है. इसमें दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और चीन के विदेश मंत्री तथा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सीमा परामर्श तंत्र के माध्यम से विमर्श शामिल है.
आम सहमति बनाने में सक्षम हुए
झांग ने यह भी कहा कि बातचीत के माध्यम से चीन और भारत दोनों अपने मतभेदों को कम करने तथा एक-दूसरे की वैध चिंताओं को समायोजित करने के लिए बातचीत को मजबूत करने पर सहमत होने के अलावा कुछ आम सहमति बनाने में सक्षम हुए. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द किसी ऐसे समाधान पर पहुंचने पर सहमत हुए जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो.
हालिया मुलाकात का जिक्र किया
पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक लंबे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए शेष टकराव बिंदुओं विशेष रूप से डेमचोक और देपसांग से सैनिकों को हटाने पर दोनों देशों के बीच बातचीत पर एक सवाल के जवाब में यह बात सामने आई है. गतिरोध के परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच संबंधों में ठहराव आ गया था. झांग ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक के साथ-साथ रूस में ब्रिक्स बैठक के इतर वांग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच हुई हालिया मुलाकात का जिक्र किया.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने वांग और डोभाल के बीच वार्ता पर टिप्पणी करते हुए तीन सितंबर को कहा था कि दोनों देशों की अग्रिम पंक्ति की सेनाएं चीन-भारत सीमा के पश्चिमी इलाके में चार क्षेत्रों से पीछे हट चुकी हैं जिनमें गलवान घाटी भी शामिल है. झांग ने देपसांग और डेमचोक सहित शेष क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की प्रगति पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा कि दोनों पक्ष परिणामों को मजबूत करना जारी रखेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि हम जिन नतीजों पर पहुंचे हैं उन्हें मजबूत करना जारी रखेंगे और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए द्विपक्षीय समझौतों और आपसी विश्वास निर्माण उपायों का सम्मान करेंगे. द्विपक्षीय समझौतों के संबंध में उनकी टिप्पणी तब आई जब जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी और एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच समझौतों की एक शृंखला है जो इस बात पर अधिक से अधिक विस्तार से चर्चा करने के लिए कहती है कि सीमा पर शांति एवं स्थिरता किस तरह रहे. agency input