नई दिल्ली :लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC)के पास चीन के साथ गतिरोध के चलते दोनों देशों के बीच तनाव है. भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि सीमा पर हालात संवेदनशील हैं, लेकिन खतरनाक नहीं. दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह नतीजा निकला है. सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों की तरफ से कूटनीतिक और स्थानीय स्तर पर बातचीत हो रही है. 


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एलएसी पर दोनों देश के बीच तब से तनाव है, जब चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने पहली बार आधिकारिक रूप से पुष्टि की थी कि चीनी सीमा रक्षा सैनिकों ने गैलवान घाटी में अपना नियंत्रण बढ़ा दिया है. गैलवान घाटी केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के चीनी कब्जे वाले इलाके में है. ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि सीमा पर भारत के निर्माण कार्य के जवाब में यह कार्रवाई की गई है. जबकि भारत का कहना है कि चीन ने भारतीय सेना के गश्त में बाधा डाली है.


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विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत की सभी गतिविधियां लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के भारतीय इलाके में हो रही हैं. चीन ने हाल ही में भारतीय गश्त में बाधा पहुंचाई है. सीमा प्रबंधन को लेकर भारत हमेशा से ही बहुत जिम्मेदार रवैया अपनाता रहा है. भारतीय सैनिक सीमा को लेकर बहुत अच्छी तरह से परिचित हैं. हम भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.


गौरतलब है कि  लद्दाख के अलावा नाकू ला, सिक्किम और दूसरी जगहों पर चीन के साथ तनाव है. वर्ष 2017 में करीब दो महीने तक डोकलाम पर विवाद चला था. इस गतिरोध के बाद दोनों देशों ने किसी भी समस्या को हल करने के लिए अनौपचारिक शिखर सम्मेलनों पर सहमति जताई थी और पहला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन  वर्ष 2018 में चीन के वुहान में हुआ था. इसमें निष्कर्ष निकला था कि दोनों देश सीमा पर  शांति व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे. पिछले साल ममल्लपुरम में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में यह बात दोहराई गई थी.


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