नई दिल्ली : भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की वार्ता को खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि जम्मू के सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले में सात जवानों की शहादत की घटना को उसने 'बेहद गंभीरता' से लिया है और 'देश की सुरक्षा के लिए जो जरूरी है, वही किया जाएगा।'


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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार आतंकवाद को हल्के में नहीं लिया जा सकता और इस्लामाबाद को अपनी विदेश नीति के रूप में आतंकवाद को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। स्वरूप ने कहा कि अगला कदम उठाने से पहले हम नगरोटा हमले से संबंधित विस्तृत सूचना का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन मेरी इच्छा इस बात पर जोर देने की है कि सरकार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है।


जम्मू से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नगरोटा में भारतीय सेना के शिविर पर पुलिसकर्मियों के वेश में आतंकवादियों के आ धमकने और हमला करने के दो दिन बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से ये टिप्पणियां सामने आई हैं। स्वरूप ने हमले का आरोप पाकिस्तान पर लगाया है। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप सब जानते हैं, पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जिसका देश की नीति के रूप में सीमा पार आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने का लंबा रिकॉर्ड है।


उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में भारत में पाकिस्तान के समर्थन व प्रयोजन में भीषण आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया गया है। स्वरूप ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह एक सप्ताह या एक महीने का मुद्दा नहीं है। वस्तुत: यह एक चुनौती है, जिसका हम कई वर्षों से, सच कहूं तो कई दशकों से सामना करते आ रहे हैं।  उन्होंने पड़ोसी देश के साथ किसी भी शांति वार्ता के शुरू होने से इंकार करते हुए कहा कि हम सीमा पार से आतंकवाद को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। पाकिस्तान को आतंकवाद रोकना चाहिए, तभी हम बात कर सकते हैं।