नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल (NSA Ajit Doval) ने ऋषिकेश से भारत के साथ दुश्मनी रखने वालों को कड़ा संदेश दिया है. डोवल ने कहा कि 'इतिहास गवाह है कि भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया' लेकिन ये तय है कि जहां से खतरा होगा, वहीं प्रहार किया जाएगा'. 


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एनएसए ने कहा है कि भारत एक 'सभ्य' देश है, जिसका वजूद अनादिकाल से मौजूद है. उन्होंने प्रकाश डाला कि भारत, भले ही 1947 में अस्तित्व में आया हो लेकिन प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान की कायल पूरी दुनिया रही है.


धर्म और भाषा से परे भारत
NSA ने ये भी कहा कि हमारा देश इतना महान है कि भारत अपनी समृद्ध संस्कृति और सभ्यता की वजह से किसी धर्म या भाषा के दायरे में नहीं बंधा. बल्कि इस धरती से वसुधैव कुटुंबकम और हर मनुष्य में ईश्वर का अंश मौजूद है के भाव का प्रचार प्रसार हुआ.


संतो ने किया राष्ट्र निर्माण
सुरक्षा सलाहकार के मुताबिक भारत की एक देश के तौर पर पहचान मजबूत करने और उसे संस्कारी बनाने में यहां के संत और महात्माओं का बड़ा योगदान रहा. इन संतों ने अपने अपने समय काल में भारत का राष्ट्र निर्माण करने में अपनी अहम भूमिका निभाई.


'हस्ती मिटती नहीं हमारी'
डोवल ने उदाहरण दिया कि यहूदी सभ्यता दो हजार साल पहले अस्तित्व में आई लेकिन दुनिया के पहले यहूदी देश का निर्माण 1947 में हु्आ. वहीं मिस्र जैसी समृद्ध सभ्यता का अस्तित्व मिट गया.


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एनएसए डोभाल अपनी पत्नी के साथ पुस्तैनी घर देखने पहुंचे थे. घर के अवशेष देखकर उन्होंने गांव में पैतृक घर बनाने की बात कही. इसके बाद वो  परमार्थ निकेतन पहुंचे और मां गंगा के दर्शन किए. आज विजयादशमी (Vijayadashami) यानी दशहरे के पावन अवसर पर वो परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) भी पहुंचे और वहां के सर्वेसर्वा स्वामी चिदानन्द सरस्वती (Swami Chidanand Saraswati) के मिशन की आध्यात्मिक गतिविधियों में अपनी भागीदारी निभाई.


उन्होंने यहां मौजूद सभी लोगों को दुनिया में भारत की आध्यात्मिकता के संदेश का प्रसार करने को भी कहा. गौरतलब है कि NSA का पद संभालने के बाद से डोभाल का अपने गांव का यह तीसरा दौरा है.


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