'हमें ऐसी जहरीली 'महबूबा' नहीं चाहिए', कोतवाल ने लिखी महबूबा को शर्मसार करने वाली कविता
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'हमें ऐसी जहरीली 'महबूबा' नहीं चाहिए', कोतवाल ने लिखी महबूबा को शर्मसार करने वाली कविता

उन्होंने आगे कहा कि, "महबूबा मुफ्ती जी, आपने कहा कि हिंदुस्तान का झंडा नहीं उठाएंगी, तो माफ करिएगा देश के लिए खून बहाने वालों की, जान देने वालों की और देश के दुश्मनों की जान लेने वालों ना कमीन थी, न है और न कभी रहेगी. 

'हमें ऐसी जहरीली 'महबूबा' नहीं चाहिए', कोतवाल ने लिखी महबूबा को शर्मसार करने वाली कविता

सीतापुर: जम्मू कश्मीर की साबिक सीएम महबूबा मुफ्ती के देश विरोधी बयान पर उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एसपी दफ्तर में तैनात कोतवाल ने एक कविता के जरिए महबूबा मुफ्ती पर हमला बोला है. एसपी धर्मराज उपाध्याय ने कहा कि देश से प्यार न हो और वह हमारा तिरंगा छू भी दे यह देश प्रेमियों को कतई मंजूर नहीं है.

एसपी उपाध्यार के जरिए लिखी गई कविता के बोल कुछ इस तरह हैं-
देश में अब कोई नया अजूबा नहीं चाहिए
पाले जो आतंकी, वह मंसूबा नहीं चाहिए
और झंडा हमारा ले कर गले मिले जो पाक से
हमें ऐसी जहरीली 'महबूबा' नहीं चाहिए!

उन्होंने आगे कहा कि, "महबूबा मुफ्ती जी, आपने कहा कि हिंदुस्तान का झंडा नहीं उठाएंगी, तो माफ करिएगा देश के लिए खून बहाने वालों की, जान देने वालों की और देश के दुश्मनों की जान लेने वालों ना कमीन थी, न है और न कभी रहेगी. जिसके मन में तिरंगे झंडे की इज्ज़त ना हो वह इस झंडे को उठाये या छुए, यह हमें भी हरगिज मंजूर नहीं. जय हिंद जय भारत."

बता दें कि करीब 14 महीने की नज़रबंदी के बाद रिहा हुईं जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और PDP की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सियासी गतिविधियां शुरू कर दी हैं. इतने महीनों बाद पहली बार किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने आईं महबूबा ने कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को वही दर्जा (अनुच्छेद 370 हटने से पहले) वापस दिलाने में जमीन-आसमान एक कर देगी. 

उन्होंने आगे कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर की सिर्फ जमीन चाहता है, उसके लोग नहीं इसलिए वह अनुच्छेद 370 फिर से लागू होने तक कोई और झंडा नहीं उठाएंगी. इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी उनकी टेबल पर झंडा नहीं रखा था.

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