अब भारत में मुंह उठाकर घुस नहीं पाएंगे म्यांमार के सैनिक, मोदी सरकार ने बनाया `बांग्लादेश बॉर्डर` जैसा प्लान
Border Fencing: असम पुलिस की पांच नव गठित कमांडो बटालियन के पहले बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने ऐलान किए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार म्यांमार सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही पर पुनर्विचार कर रही है.
India Myanmar Border: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार म्यांमार सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही को बंद करेगी और इसकी पूरी तरह से बाड़बंदी करेगी ताकि बांग्लादेश से लगी सीमा की तरह इसकी सुरक्षा की जा सके. असम पुलिस की पांच नव गठित कमांडो बटालिन के प्रथम बैच की ‘पासिंग आउट परेड’ को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने यह घोषणा की. शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने फैसला किया है कि अब तक खुली हुई भारत-म्यांमार सीमा की बाड़बंदी कर उसे सुरक्षित किया जाएगा. पूरी सीमा की कांटेदार तार से बाड़बंदी की जाएगी जैसा कि हमने भारत-बांग्लादेश सीमा पर किया है.
असल में अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार म्यांमार के साथ मुक्त आवाजाही समझौता पर पुनर्विचार कर रही है. अब भारत सरकार इस सुविधा को रोकने जा रही है. मुक्त आवाजाही व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर अंदर तक यात्रा करने की अनुमति देती है. भारत के चार राज्य - अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम - म्यांमा के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था कि सरकार सीमा के 300 किमी खंड पर बाड़ लगाने की योजना बना रही है.
म्यांमार में उथल-पुथल के बाद माइग्रेशन
फरवरी 2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद उसके 31,000 से अधिक लोगों ने मिजोरम में शरण ली. इनमें से ज्यादातर लोग चिन राज्य से हैं. कई लोगों ने मणिपुर में भी शरण ली है. पिछले साल, मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के साथ भीषण गोलीबारी के बाद भारत से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तैनात म्यांमा के दर्जनों सैनिक भी मिजोरम भाग आये थे. बाद में, उन्हें उनके देश वापस भेज दिया गया था. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के तहत पिछले 10 वर्षों में देश की कानून व्यवस्था में भारी बदलाव आया है.
कांग्रेस पर भी साधा निशाना
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दशकों के शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर, नक्सली इलाके और पूर्वोत्तर अशांत रहे. अब, इन क्षेत्रों में हिंसा 73 प्रतिशत कम हो गई है और यह हमारे लिए एक सुखद प्रगति है. उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि इसके शासनकाल के दौरान लोगों को नौकरियों के लिए रिश्वत देनी पड़ती थी, जबकि भाजपा के शासन के दौरान नौकरी के लिए एक पैसा भी नहीं देना पड़ता है.
वहीं अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर शाह ने कहा कि भगवान राम 550 साल के ‘बुरे दौर’ के बाद घर लौटेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है.’’ उन्होंने कहा कि यह ऐसे वक्त हो रहा है जब देश ‘सुपरपावर’ बनने की राह पर है. Agency Input