India on China: चीन को घेरने की तैयारी, भारत बनाएगा नया संगठन; ये दो ताकतवर देश भी आए साथ
India France UAE Meeting: चीन (China) की बढ़ती आक्रामकता के बावजूद भले ही अमेरिका जैसी विश्व शक्तियां मिमियांती नजर आ रही हों लेकिन भारत शांत तरीके से उसे उसकी औकात में लाने के उपायों में जुटा है. उसने अब चीन के खिलाफ एक और बड़ा फैसला लिया है.
India France UAE Meeting: चीन (China) के खतरे के बावजूद भले ही अमेरिका और यूरोपीय देश चुप्पी साधे बैठे हों लेकिन ड्रैगन को औकात में लाने के लिए भारत (India) की तैयारियां लगातार जारी हैं. क्वाड और वेस्ट एशिया क्वाड बनाने के बाद भारत अब एक और वैश्विक संगठन बनाने जा रहा है, जिसमें यूरोप और एशिया के 2 शक्तिशाली देश भी उसके साथ आ गए हैं. तीनों देशों के बीच पहली त्रिपक्षीय बातचीत भी हो गई है. इस संगठन को फिलहाल कोई नाम तो नहीं दिया गया है लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही यह भी क्वाड की तरह अपना आकार ले लेगा.
भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात ने की बैठक
सूत्रों के मुताबिक भारत, फ्रांस (France) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) हिंद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए साथ आए हैं. तीनों देशों ने गुरुवार को नए त्रिपक्षीय फ्रेमवर्क के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की. फिलहाल तीनों देशों ने आपसी सहयोग के लिए समुद्री सुरक्षा, क्षेत्रीय संपर्क, ऊर्जा एवं खाद्य सुरक्षा और आपूर्ति-श्रृंखला सेक्टर की पहचान की है. इन क्षेत्रों में तीनों देश अपने-अपने रुख को लचीला बनाकर एक-दूसरे को सहयोग प्रदान करेंगे. साथ ही आपसी व्यापार को भी बढ़ावा देंगे.
चीन के खिलाफ तीनों देशों ने बनाई ये रणनीति
इस शुरुआती बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इस अहम पहल के बारे में जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा, ' गुरुवार को भारत, फ्रांस (France) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की त्रिपक्षीय बैठक हुई. इसमें आपसी सहयोग के लिए कई क्षेत्रों की पहचान की गई. तीनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कारोबार और सुरक्षा से जुड़े दूसरे क्षेत्रों में भी सहयोग प्रदान करेंगे. चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर वैश्विक चिंता के बीच तीनों देशों ने मिलकर काम करने का फैसला किया है.'
आपसी सहयोग के लिए कई क्षेत्रों की पहचान
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'तीनों देशों ने पहली बातचीत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में काम करने के लिए समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता व आपदा राहत, क्षेत्रीय संपर्क, बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग, ऊर्जा एवं खाद्य सुरक्षा, नवाचार और स्टार्टअप समेत त्रिपक्षीय सहयोग के संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया. बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि विभिन्न वैश्विक मसलों पर तीनों देश मिल-जुलकर फैसला लिया करेंगे और एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखेंगे.' इस बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) संदीप चक्रवर्ती और संयुक्त सचिव (खाड़ी) विपुल ने किया.
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