Future of India-Japan Relations: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भारत के दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जापान के पीएम की मुलाकात होगी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ रहे चीन के दबदबे को लेकर चर्चा भी की जाएगी. यह मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले लंबे समय से चीन अपना प्रभाव हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर बढ़ाता जा रहा है. ऐसे में जापान और भारत का पास आना चीन की आंखों को खटक सकता है. भारत और जापान उन चुनिंदा देशों में से एक हैं जिनके दोस्ती की मिसाल दी जाती है. वैश्विक मुद्दों पर अक्सर इन दोनों देशों को एक दूसरे का समर्थन मिलता रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है पूरी खबर?


आपको बता दें कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा 20 मार्च को भारत की यात्रा पर आने वाले हैं. इस दौरान वो पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय की मानें तो दोनों ही देश G7 और G-20 में अपनी-अपनी प्राथमिकताओं को एक दूसरे के साथ चर्चा में शामिल करेंगे. जहां एक ओर भारत वर्तमान समय में जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, वहीं जापान G-7 की अध्यक्षता कर रहा है. वर्तमान समय में चीन और भारत के रिश्ते में कड़वाहट बढ़ती जा रही है. इसके लिए चीन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. चीन की विस्तारवादी नीति से एशिया के कई देश परेशान हैं. ऐसे में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को लेकर भारत और जापान बात करेंगे.


क्यों चीन के लिए दिक्कत बनेगी ये मुलाकात


भारत और जापान दोनों ही देश अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इस बीच जापान के प्रधानमंत्री का भारत आने का कई मतलब निकाला जा रहा है. एक ओर जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, वहीं भारत दुनिया के 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों ही देशों का बड़ा योगदान है. जियो पॉलिटिकल डायनेमिक्स के नजरिए से देखा जाए तो भारत और जापान का मिलना हिंदू-प्रशांत क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी भी है.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे