Maharashtra Vidhan Sabha Chunav: विदर्भ एक बार फिर यह तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा कि मुंबई में मंत्रालय (राज्य सचिवालय) का नियंत्रण किसके हाथ में होगा.
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Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के आज नतीजे आने जा रहे हैं. इनमें विदर्भ क्षेत्र की 62 सीट ने ऐतिहासिक रूप से सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई है. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे पूर्वी महाराष्ट्र के इस क्षेत्र में 1990 के दशक में भाजपा ने अपनी पैठ बनाई थी. इसी इलाके से भाजपा को अपना पहला मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) बनाने में मदद मिली. फडणवीस 2014 से 2019 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. विदर्भ के नागपुर में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय है. उप मुख्यमंत्री फडणवीस (नागपुर दक्षिण पश्चिम) के अलावा कई कद्दावर नेता विदर्भ की विभिन्न विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि विदर्भ एक बार फिर यह तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा कि मुंबई में मंत्रालय (राज्य सचिवालय) का नियंत्रण किसके हाथ में होगा.
दिग्गजों का दांव
विदर्भ से अपनी किस्मत आजमा रहे दिग्गजों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले (भंडारा जिले की साकोली सीट से), प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले (नागपुर जिले की कैम्पटी सीट), निवर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस उम्मीदवार विजय वडेट्टीवार (चंद्रपुर जिले की ब्रह्मपुरी सीट से) और भाजपा के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर सीट से) शामिल हैं.
राजनीतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार रामू भागवत का कहना है कि ऐतिहासिक रूप से जो राजनीतिक दल विदर्भ में अधिकतम सीट जीतता है वही महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होता है.
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यही कारण है कि दोनों राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने विदर्भ के 11 जिलों पर ध्यान केंद्रित किया है जिनमें 62 विधानसभा सीट हैं. भाजपा सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की घटक है जबकि कांग्रेस विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) में शामिल है.
महायुति गठबंधन के तहत भाजपा राज्य में जिन लगभग 150 सीट पर चुनाव लड़ रही है उनमें 33 प्रतिशत या 47 सीट विदर्भ की हैं. कांग्रेस ने कुल 102 निर्वाचन क्षेत्रों पर उम्मीदवार उतारे हैं जिनमें से 39 विदर्भ क्षेत्र में हैं.
भागवत ने कहा, ‘‘ यह क्षेत्र इस मायने में भी अहम है क्योंकि मुख्यमंत्री पद के दावेदार समझे जाने वाले दो दिग्गज भाजपा के फडणवीस और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख पटोले इसी क्षेत्र से आते हैं.’’
भागवत ने बताया कि 2014 में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विदर्भ की 62 सीट में से 44 पर जीत हासिल की थी, जिससे उसे महाराष्ट्र में अपनी पहली सरकार बनाने में मदद मिली थी. हालांकि 2019 के चुनाव में भाजपा को झटका लगा और उसकी सीटें घटकर 29 रह गईं.
(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)