India-Pakistan Relations: चीन के खिलाफ हमेशा कड़ा रुख रखने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत के साथ संबंध पड़ोसी देश के संबंध तब तक सामान्य नहीं होंगे, जब तक कि गलवान हिंसा का मुद्दा सुलझ नहीं जाता. उन्होंने रविवार को हैदराबाद में फोरम फॉर नेशनलिस्ट थिंकर्स, हैदराबाद चैप्टर टॉक ऑन 'इंडियाज जी20 प्रेसीडेंसी' को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के साथ संबंध तब तक नहीं सुधरेंगे जब तक कि कोविड लॉकडाउन की शुरुआत में हुई हिंसा के मुद्दे का हल नहीं हो जाता.


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बता दें कि साल 2020 में गलवान हिंसा में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन के भी कई सैनिक इसमें मारे गए थे. जयशंकर ने इस दौरान पाकिस्तान को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि एक वक्त था, जब पाकिस्तान यह बहाने बनाता था कि बाहरी लोग आतंकवाद फैला रहे हैं. लेकिन इस काम के पीछे सरकार ही थी. उन्होंने कहा कि दुनिया ने इसकी तुलना की कि 26/11 के बाद भारत ने किस तरह से बर्ताव किया और उरी और बालाकोट के बाद उसका रवैया कैसा था.


 उन्होंने कहा कि जब बात मोदी सरकार की आतंकवाद से निपटने की आती है तो क्षमताएं और बदलाव सबने देखे हैं. जयशंकर ने यह भी कहा कि तेल खरीदने के वक्त भारत दबाव में आ गया था लेकिन हम डटे रहे क्योंकि भारत के लिए कंज्यूमर पहले हैं. विदेश मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उपभोक्ताओं को पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के असर से बचाने और महंगाई को कम रखने का हरसंभव प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि जी-20 की प्रमुख चिंता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम से बाहर निकालने के तरीके खोजने की होगी.


जयशंकर ने कहा, 'आज दुनिया यह सबक सीख गई है कि सुरक्षा का मतलब केवल भौतिक सुरक्षा नहीं, ना ही केवल आर्थिक सुरक्षा है. इसका मतलब स्वास्थ्य सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा भी है. इसलिए, हमें आज वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम से बचाने के तरीके खोजने होंगे.'


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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